बिलासपुर का इतिहास(History of Bilaspur (Himchal Pradesh)

बिलासपुर का इतिहास(History of Bilaspur (Himchal Pradesh)

ऐतिहासिक रूप से, बिलासपुर को रतनपुर के कल्चुरि राजवंश द्वारा नियंत्रित किया गया था। हालांकि, बिलासपुर शहर, मराठा साम्राज्य के शासनकाल में वर्ष 1741 के आसपास प्रमुखता से आया। बिलासपुर शहर लगभग 400 वर्ष पुराना है और “बिलासपुर” का नाम “बिलासा” नामक फिशर-महिला के नाम पर पड़ा है।

बिलासपुर जिला वर्ष 1861 में गठित किया गया और इसके बाद वर्ष 1867 में बिलासपुर नगर पालिका का गठन किया गया। बिलासपुर जिला न केवल छत्तीसगढ़ राज्य में प्रसिद्ध है बल्कि चावल की गुणवत्ता, कोसा उद्योग और इसकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि जैसी अनूठी विशेषताओं के कारण भारत में प्रसिद्ध है। पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए बिलासपुर जिले को “धान का कटोरा”  के नाम से जाना जाता है।

  • जिले के रूप में गठन........ 1 जुलाई, 1954
  • जिला मुख्यालय बिलासपुर
  • जनसंख्या (2011 में) 3,81,956 (5.56%)
  • जनसंख्या घनत्व (2011 में) 327
  • कुल क्षेत्रफल 1,167 वर्ग कि०मी०
  • साक्षरता दर (2011 में) 85.87%
  • लिंग अनुपात (2011 में) 981
  • शिशु लिंगानुपात (2011 में) 900
  • कुल गाँव. 1061 (आबाद गाँव - 965)
  • ग्राम पंचायतें 151
  • विकास खंड 3
  • उप मण्डल 4 (बिलासपुर, घुमारवीं, झंडुता, नैना देवी जी)
  • विधानसभा सीटें ......... 4
  • ग्रामीण जनसंख्या (2011 में) ........ 3,56,930  (93.43%)
  • तहसील/उप-तहसील ....... 9
  • भाषा हिंदी, पंजाबी, कहलूरी



(A) भूगोल -

  • भौगोलिक स्थिति - बिलासपुर जिला हिमाचल प्रदेश के दक्षिण पश्चिम में स्थित है। बिलासपुर के पूर्व में मण्डी और सोलन, दक्षिण में सोलन, पश्चिम में पंजाब, उत्तर में हमीरपुर और मण्डी तथा उत्तर पश्चिम में ऊना जिला स्थित है। सतलुज नदी बिलासपुर को दो भागों में बाँटती है।
  • पहाड़ियाँ/धार - बिलासपुर (कहलूर) को सतधार-कहलूर भी कहा गया है क्योंकि यहाँ सात पहाड़ियां है।
  • नैनादेवी पहाड़ी - इस पहाड़ी पर नैना देवी जी का मंदिर है। कोट-कहलूर किला और फतेहपुर किला इस पहाड़ी पर स्थित है।
  • कोट पहाड़ी/धार - कोट धार में बछरेटू किला स्थित है।
  • झांझियार धार - सीर खड्डु इसे दो भागों में बाँटता है। यहाँ पर गुग्गा गेहड़वी और देवी भडोली का मंदिर है।
  • 4)  तियून धार - तियून किला, पीर पियानू का मंदिर स्यून किला और नौरंगगढ़ किला इस पहाड़ी पर स्थित है।
  • बन्दाला धार - यह धार 17 कि.मी. लम्बी है।
  • रतनपुर पहाड़ी/धार - इस पहाड़ी पर रतनपुर किला स्थित है जिसमें डेविड ओक्टर लोनी ने गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा को हराया था।
  • बहादुरपुर पहाड़ी/धार - यहाँ बहादुरपुर किला स्थित है जो 1980 मी. की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण बिलासपुर का सबसे ऊंचा स्थान है। बहादुरपुर किला राजा बिजाई चंद का ग्रीष्मकालीन आवास था।

3. नदियाँ -

  • सतलुज - सतलुज नदी कसौल से बिलासपुर में प्रवेश करती है (मण्डी से) और नैला गाँव (भाखड़ा) से बिलासपुर को छोड़ पंजाब में प्रवेश करती है। बिलासपुर जिले में अलि खड्डु, गम्भर और सीर खड्ड सतलुज की प्रमुख सहायक नदियाँ है।
  • सीर खड्डू - सीर खड्डू सतलुज की सबसे बड़ी सहायक नदी (बिलासपुर में) है। सीर खड्ड में 'बालघर' के पास 'सुकर खड्डु' मिलती है। सीर खड्डु 'हटवार' से बिलासपुर में प्रवेश कर 'सेरी' के पास सतलुज में मिलती हैं।
  • गम्भर खड्ड - गम्भर खड्डू शिमला (तारा देवी) जिले से निकलकर 'नेरी' गाँव से बिलासपुर में प्रवेश करती है। 'डंगरान' के पास गम्भर खड्ड सतलुज में मिलती हैं।
  • अलि खड्ड - अलि खड्ड सोलन के अर्की से निकलकर 'कोठी हरार' से बिलासपुर में प्रवेश करती है। अलि खड्ड 'बेरी घाट' के पास सतलुज में मिलती है।
  • टैंक/टोबा - बिलासपुर जिला टैंक के लिए प्रसिद्ध है जिसे स्थानीय भाषा में टोबा कहते हैं।

  1. जगतखाना टैंक - इस टैंक का निर्माण 1874 ई. में राजा हीराचंद ने किया था।
  2. स्वारघाट टैंक - इस टैंक का निर्माण 1874 ई. में राजा हीराचंद ने किया था।
  3. टैंक संघवाना - इस टैंक का निर्माण राजा बिजेचंद ने किया था। इसके अलावा बिलासपुर में टैंक कसौल, टैंक अलावा बिलासपुर में टैंक कसौल, टैंक जमथाल, टैंक रिवालसर और टैंक नैना देवी स्थित हैं।
  4. जलप्रपात/चश्में - बसी और लुण्ड।
  5. झील - बिलासपुर में गोविंद सागर झील है जोकि हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है। इस झील का निर्माण सतलुज नदी के पानी से हुआ है। भाखड़ा बाँध इसी नदी पर बना है। इस झील का क्षेत्रफल 168 वर्ग किमी. है। भाखड़ा बाँध की आधारशिला 1955 ई. में पंडित जवाहरलाल नेहरु ने रखी है। इस बाँध की ऊंचाई 225 मी. है। यह बाँध 1963 ई. में बनकर तैयार हुआ। गोविन्द सागर झील से बिलासपुर जिले के 256 गाँव जलमग्न हो गए थे।

(B) इतिहास (History of Bilaspur District) :-

  • कहलूर रियासत की स्थापना बिलासपुर पास्ट एण्ड प्रजेंट, बिलासपुर गजेटियर और गणेश सिंह की पुस्तक चंद्रवंश विलास और शशिवंश विनोद से पुष्टि होती है कि कहलूर रियासत की नीव बीरचंद ने 697 ई. में रखी जबकि डॉ. हचिसन एण्डवोगल की पुस्तक हिस्ट्री ऑफ़ पंजाब हिल एण्डवोगल की पुस्तक हिस्ट्री ऑफ़ पंजाब हिल स्टेट के अनुसार बीरचंद ने 900 ई. में कहलूर रियासत की स्थापना की। बीरचंद चंदेल बुंदेलखण्ड (मध्य प्रदेश) चन्देरी के चंदेल राजपूत थे। बीरचंद के पिता हरिहर चंद के पांच पुत्र थे।
  • बीरचंद ने सतलुज पार कर सर्वप्रथम रूहंड ठाकुरों को हराकर किला स्थापित किया जो बाद में कोट-कहलूर किला कहलाया। बीरचंद ने नैणा गुज्जर के आग्रह पर नैना देवी मंदिर की स्थापना कर उसके निचे अपनी राजधानी बनाई। पौराणिक कथाओं के अनुसार नैना देवी में सती के नैन गिरे थे। राजा बीरचंद ने 12 ठकुराइयों (बाघल, कुनिहार, बेजा, धामी, क्योंथल, कुठाड, जुब्बल, बघाट, भज्जी, महलोग, मांगल, बलसन) को अपने नियंत्रण में किया।

(C) अर्थव्यवस्था :-

  • दियोली बिलासपुर में एशिया का सबसे बड़ा ट्राउट मछली पालन (प्रजनन) फार्म 1962 ई. में स्थापित किया गया। बरमाणा बिलासपुर में ACC सीमेंट फैक्टरी स्थित है। स्वारघाट में पशु रोग नियंत्रण कक्ष स्थित है। बिलासपुर में 1944 ई. को पहला बैंक "बैंक ऑफ़ बिलासपुर” की स्थापना की गई। हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की पहली शाखा बिलासपुर में 1956 ई. में स्थापित की गई। कोठीपुरा (बिलासपुर) में पशु प्रजनन केंद्र स्थित है।
  • रघुनाथपुरा में बिरोजा फैक्टरी है। बरठी में नवोदय स्कूल है। बिलासपुर के कंदरौर में एशिया का सबसे ऊंचा पुल है जो 1959 1964 के बीच सतलुज नदी पर बना है। इसकी ऊंचाई 80 मी. है। बिलासपुर में सलापड़ पुल (1960-64 में निर्मित), गमरोला पुल, घाघस पुल (NH-21 पर अलिखड्डु के ऊपर) स्थित है।

(D) मेले और मंदिर :-

  • मंदिर - बिलासपुर के शाहतलाई में बाबा बालक नाथ मंदिर है। गुग्गा भटेड़ में गुग्गा मंदिर स्थित है। बिलासपुर में गोपाल मंदिर, मुरली मनोहर मंदिर और रंगनाथ मंदिर स्थित है। धौलरा में नरसिंह मंदिर है। पीर पियानू में लखदाता मंदिर है। नैना देवी मंदिर नैना देवी में स्थित है।
  • मेले - नलवाड़ी मेला 1889 ई. में डब्ल्यू गोल्डस्टीन ने शुरू करवाया था। यह मेला पशुओं का मेला है जो अप्रैल माह मेला पशुओं का मेला है जो अप्रैल माह में लगता है। नलवाड़ी मेला पहले सांडू मैदान में लगता था पर भाखड़ा बाँध बनने के बाद यह लुहणू मैदान में लगने लगा। गुग्गा मेला गेहड़वी में लगता है। बैसाखी मेला हटवार में लगता है। नगरोन में गुग्गा नवमी मेला लगता है।
(E) जननांकीय आँकड़े :-
  • बिलासपुर जिले की जनसंख्या 1901 ई. में 90,873 से बढ़कर 1951 ई. में 1,26,099 हो गई। वर्ष 1971 ई. में बिलासपुर जिले की जनसंख्या 1,94,786 से बढ़कर 2011 ई. में 3,82,056 हो गई। बिलासपुर जिले का लिंगानुपात 2011 में 981 दर्ज किया गया। बिलासपुर जिले का जनघनत्व 2011 में 327 दर्ज किया गया।
  • बिलासपुर जिले में 2011 में 3,56,930(93.43%) जनसंख्या ग्रामीण और 25,126 (6.57%) जनसंख्या शहरी थी। बिलासपुर जिले में 151 ग्राम पंचायते, 4 विधानसभा क्षेत्र, 3 विकास खण्ड, 965 आबाद गाँव है। बिलासपुर जिले का शिशु लिंगानुपात 2011 में 893 है बिलासपुर जिले का जनघनत्व 2011 में 327 दर्ज किया गया।
  • बिलासपुर जिले में 2011 में 3,56,930(93.43%) जनसंख्या ग्रामीण और 25,126 (6.57%) जनसंख्या शहरी थी। बिलासपुर जिले में 151 ग्राम पंचायते, 4 विधानसभा क्षेत्र, 3 विकास खण्ड, 965 आबाद गाँव है। बिलासपुर जिले का शिशु लिंगानुपात 2011 में 893 है
(F) बिलासपुर जिले का स्थान :-
  • क्षेत्रफल के हिसाब से बिलासपुर हिमाचल प्रदेश का दूसरा सबसे छोटा जिला है, जिसका क्षेत्रफल 1,167 वर्ग किमी. (2.10%) है। बिलासपुर जिला जनसंख्या में 10वें स्थान पर है। दशकीय (2001-2011) जनसंख्या वृद्धि दर में बिलासपुर आठवें स्थान पर है। बिलासपुर जिला 1574 किमी. के साथ सड़कों की लम्बाई में 10वें स्थान पर है। बिलासपुर जिला साक्षरता (2011) में चौथे स्थान पर है। बिलासपुर जिला वन क्षेत्रफल में 11वें और वनाच्छादित क्षेत्रफल में 10वें स्थान पर है।

यह भी पढे 👉👉👇👇

  1. लाहौल स्पीति का इतिहास (History of Lahaul Spiti)
  2. ऊना का इतिहास (History of Una(Himchal Pradesh)
  3. कांगड़ा का इतिहास(History of Kangra(Himchal Pradesh)
  4. चम्बा का इतिहास(History of Chamba (Himchal Pradesh)
  5. कुल्लू का इतिहास (History of Kullu himchal Pradesh)
  6. बिलासपुर का इतिहास(History of Bilaspur (Himchal Pradesh)
  7. शिमला का इतिहास (History of Shimla (Himachal Pradesh)
  8. किन्नौर का इतिहास(History of Kinnaur(Himachal Pradesh)
  9. सोलन का इतिहास (History of Solan(Himachal Pradesh )
  10. हमीरपुर का इतिहास (History of Hamirpur (Himachal Pradesh)
  11. सिरमौर का इतिहास(History of Sirmaur (Himachal Pradesh)
  12. मण्डी का इतिहास (History of Mandi(Himchal Pradesh)

टिप्पणियाँ