सिद्ध बाबा बालक नाथ गुफा मंदिर हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश)Siddha Baba Balak Nath Cave Temple Hamirpur District (Himachal Pradesh)
Sidh Baba Balak Nath Cave Temple |
बाबा बालक नाथ दियोटसिद्ध
Sidh Baba Balak Nath Cave Temple |
सिद्ध बाबा बालक नाथ एक हिन्दू देव स्थान है | यहाँ पर हिमाचल प्रदेश के अतिरिक्त पंजाब, हरयाणा, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर एवं अन्य उतर भारतीय राज्यों से भारी संख्या में श्र्धालू पधारते हैं | इस स्थान को दियोटसिद्ध के नाम से जाना जाता है |
Sidh Baba Balak Nath Cave Temple |
स्थान: यह स्थान हमीरपुर से 45 किलोमीटर की दूरी पर हमीरपुर और बिलासपुर जिला की सीमा पर चकमोह गाँव के दियोटसिद्ध नामक क्षेत्र में स्थित है | धौलगिरी परबत की पहाड़ियों पर एक प्राकृतिक गुफा में बाबा जी पवित्र प्रतिमा स्थापित है |
Sidh Baba Balak Nath Cave Temple |
उपयुक्त समय: इस पवित्र स्थान पर वर्ष के दौरान कभी भी आसानी से जाया जा सकता है। रविवार को बाबा जी के शुभ दिन के रूप में माना जाता है, इसलिए आम तौर पर सप्ताहांत पर और विशेष रूप से रविवार को यहाँ पर बहुत भीड़ होती है। हर साल यहां पर 14 मार्च से 13 अप्रैल तक चैत्र मास के मेले लगते हैं । इस दौरान यहाँ पर भरी संख्या में श्र्धालू पधारते हैं |
व्यबस्था: सिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध की देखरेख “हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्था और चैरिटेबल एंडॉमेंट्स एक्ट, 1984” के तहत स्थापित मंदिर प्रशासन द्वारा की जाती है जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त-एवं-मंदिर आयुक्त करते हैं |
Sidh Baba Balak Nath Cave Temple |
दियोटसिद्ध बाबा बालक नाथ
हिमाचल प्रदेश में अनेक धर्मस्थल प्रतिष्ठित हैं, जिनमें बाबा बालक नाथ धाम दियोटसिद्ध उत्तरी भारत में एक दिव्य सिद्धपीठ है। यह पीठ हमीरपुर से 45 किलोमीटर दूर दियोटसिद्ध नामक सुरम्य पहाड़ी पर है। इसका प्रबंध हिमाचल सरकार के अधीन है। हमारे देश में अनेकानेक देवी-देवताओं के अलावा नौ नाथ और चौरासी सिद्ध भी हुए हैं, जो सहस्रों वर्षों तक जीवित रहते हैं और आज भी अपने सूक्ष्म रूप में वे लोक में विचरण करते हैं। भागवत पुराण के छठे स्कंद के सातवें अध्याय में वर्णन आता है कि देवराज इंद्र की सेवा में जहां देवगण और अन्य सहायकगण थे, वहीं सिद्ध भी शामिल थे। नाथों में गुरु गोरखनाथ का नाम आता है।
इसी प्रकार 84 सिद्धों में बाबा बालक नाथ जी का नाम आता है। बाबा बालक नाथ जी के बारे में प्रसिद्ध है कि इनका जन्म युगों-युगों में होता रहा है। प्राचीन मान्यता के अनुसार बाबा बालक नाथ जी को भगवान शिव का अंश अवतार ही माना जाता है। श्रद्धालुओं में ऐसी धारणा है कि बाबा बालक नाथ जी 3 वर्ष की अल्पायु में ही अपना घर छोड़ कर चार धाम की यात्रा करते-करते शाहतलाई नामक स्थान पर पहुंचे थे।
Sidh Baba Balak Nath Cave Temple |
शाहतलाई में ही रहने वाली माई रतनो नामक महिला ने, जिसकी कोई संतान नहीं थी, इन्हें अपना धर्म का पुत्र बनाया। बाबा जी ने 12 वर्ष माई रतनो की गउएं चराई। एक दिन माता रतनो के ताना मारने पर बाबा जी ने अपने चमत्कार से 12 वर्ष की लस्सी व रोटियां एक पल में लौटा दीं। इस घटना की जब आसपास के क्षेत्र में चर्चा हुई, तो ऋषि-मुनि व अन्य लोग बाबा जी की चमत्कारी शक्ति से बहुत प्रभावित हुए। गुरु गोरख नाथ जी को जब से ज्ञात हुआ कि एक बालक बहुत ही चमत्कारी शक्ति वाला है, तो उन्होंने बाबा बालक नाथ जी को अपना चेला बनाना चाहा, परंतु बाबा जी के इंकार करने पर गोरखनाथ बहुत क्रोधित हुए।
Sidh Baba Balak Nath Cave Temple |
जब गोरखनाथ ने उन्हें जबरदस्ती चेला बनाना चाहा, तो बाबा जी शाहतलाई से उडारी मारकर धौलगिरि पर्वत पर पहुंच गए, जहां आजकल बाबा जी की पवित्र सुंदर गुफा है। मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही अखंड धूणा सबको आकर्षित करता है। यह धूणा बाबा बालक नाथ जी का तेज स्थल होने के कारण भक्तों की असीम श्रद्धा का केंद्र है। धूणे के पास ही बाबा जी का पुरातन चिमटा है। बाबा जी की गुफा के सामने ही एक बहुत सुंदर गैलरी का निर्माण किया गया है, जहां से महिलाएं बाबा जी की सुंदर गुफा में प्रतिष्ठित मूर्ति के दर्शन करती हैं। सेवकजन बाबा जी की गुफा पर रोट का प्रसाद चढ़ाते हैं। बताया जाता है कि जब बाबा जी गुफा में अलोप हुए, तो यहां एक (दियोट) दीपक जलता रहता था, जिसकी रोशनी रात्रि में दूर-दूर तक जाती थी इसलिए लोग बाबा जी को दियोटसिद्ध के नाम से भी जानते हैं। लोगों की मान्यता है कि भक्त मन में जो भी इच्छा लेकर जाएं, वह अवश्य पूरी होती है। बाबा जी अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं इसलिए देश-विदेश व दूर-दूर से श्रद्धालु बाबा जी के मंदिर में अपने श्रद्धासुमन अर्पित करने आते हैं। यहां एक महीने तक वार्षिक मेला लगता है।
Sidh Baba Balak Nath Cave Temple |
जो हर वर्ष 14 मार्च से शुरू होकर 13 अप्रैल तक मनाया जाता है। मेलों के दौरान श्रद्धालुओं के ठहरने की पूरी व्यवस्था की जाती है। मेलों के दौरान चौबीस घंटे मंदिर खुला रहता है। मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से सुदृढ़ रहे इसके लिए भी पूरी व्यवस्था प्रशासन की ओर से की जाती है। साथ ही श्रद्धालुओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग और आयुर्वेद विभाग के चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मचारी 24 घंटे तैनात रहते हैं।
Sidh Baba Balak Nath Cave Temple |
बनारसी दास के वंशजों ने किया ध्वजारोहण
बाबा बालक नाथ के परम भक्त बनारसी दास के वंशज चकमोह निवासियों ने वर्षों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए रोट-प्रसाद की टोकरियाें और ध्वज के साथ गुफा में ध्वजारोहण किया। चकमोह निवासियों ने शास्त्री नगर चकमोह से बाबा की गुफा तक लगभग अढ़ाई किलोमीटर का सफर नंगे पांव चल कर नाचते-गाते बाबा जी की मूर्ति को पालकी में बिठा कर पूरा किया। बताते चलें कि मंदिर न्यास के गठन से पहले मंदिर की देखरेख और मेलों के संचालन का पूरा जिम्मा इन्हीं के पास हुआ करता था लेकिन मंदिर न्यास के गठन के बाद भी पूर्वजों के समय से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करते हुए हर वर्ष चकमोह निवासियों द्वारा झंडा रस्म की अदायगी पूरे विधि-विधान व धूमधाम से की जाती है।
Sidh Baba Balak Nath Cave Temple |
कैसे पहुंचें:
वायु मार्ग द्वारा
हमीरपुर जिले में कोई भी हवाई अड्डा नहीं है, अतः इस स्थान के लिए कोई भी सीधी वायु सेवा / उड़ान उपलब्ध नहीं है। दियोटसिद्ध से सबसे निकटतम हवाई अड्डा धर्मशाला के पास गग्गल (कांगड़ा) है जो यहाँ से लगभग 128 किलोमीटर दूर है |
ट्रेन द्वारा
इस स्थान के लिए कोई भी सीधी ट्रेन सेवा नहीं है। दियोटसिद्ध से निकटतम रेलवे स्टेशन ऊना (ब्रॉड गेज रेलवे लाइन) है। ऊना रेलवे स्टेशन यहाँ से लगभग 55 किमी दूर है ।
सड़क द्वारा
यह जगह हिमाचल प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों के सभी प्रमुख शहरों से सड़क से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इस जगह पर नियमित बस सेवा उपलब्ध है। टैक्सी सेवा भी यहाँ पर आसानी से उपलब्ध हैं।
जिला हमीरपुर मंदिर ( हिमाचल प्रदेश),District Hamirpur Temple (Himachal Pradesh),
- वैष्णो देवी माता मन्दिर धंगोटा हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश)Vaishno Devi Mata Temple Dhangota Hamirpur District (Himachal Pradesh)
- लम्बलू मंदिर हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश)Lamblu Temple Hamirpur District (Himachal Pradesh)
- मुरली मनोहर मंदिर हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश)Murali Manohar Mandir Hamirpur District (Himachal Pradesh)
- नर्बदेश्वर मंदिर हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश) Narbadeshwar Temple Hamirpur District (Himachal Pradesh)
- गसोता मंदिर हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश) (Gasota Temple Hamirpur District (Himachal Pradesh))
- गसोता महादेव मंदिर हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश ) (Gasota Mahadev Temple Hamirpur (Himachal Pradesh))
- संतोषी माता मंदिर हमीरपुर हिमाचल प्रदेश ( Santoshi Mata Mandir Hamirpur himachal Pradesh )
- अवाह देवी मंदिर (जालपा देवी) हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश) (Avaha Devi Temple (Jalpa Devi) Hamirpur District (Himachal Pradesh))
- महर्षि मार्कंडेय मंदिर, हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश) (Maharishi Markandeya Temple, Hamirpur District (Himachal Pradesh))
- सिद्ध बाबा बालक नाथ गुफा मंदिर (Sidh Baba Balak Nath Cave Temple)
- बाबा बालक नाथ मंदिर हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश) (Templul Baba Balak Nath Districtul Hamirpur (Himachal Pradesh))
- टौणी देवी मंदिर हमीरपुर, ( हिमाचल प्रदेश) (Templul Tauni Devi Hamirpur, (Himachal Pradesh))
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें