संतोषी माता मंदिर हमीरपुर हिमाचल प्रदेश ( Santoshi Mata Mandir Hamirpur himachal Pradesh )

संतोषी माता मंदिर हमीरपुर हिमाचल प्रदेश ( Santoshi Mata Mandir Hamirpur himachal Pradesh )

 संतोषी माता मंदिर हमीरपुर 

जय माँ संतोषी माता जिनका एक भव्य मंदिर हमीरपुर के लदरौर में स्थापित है। इस मंदिर को संतोषी मां का वास्तविक मंदिर माना जाता है। जहां पूरे विश्व में माता के शक्ति रूप की पूजा होती है, वहीं यहां माता के भक्ति रूप की आराधना की जाती है। माँ की शक्ति रूपी मूर्ति काफी सुन्दर और मनोहक है! शुक्रवार का दिन संतोषी माँ के दर्शन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। 🚩

 संतोषी माता मंदिर हमीरपुर 

माँ संतोषी के माता-पिता (गणेश और रिद्धि-सिद्धि) धन, धान्य, सुख, समृद्धि और रत्नों आदि के देवता है। कहते है माँ संतोषी की पूजा करने से भक्त के दुर्भाग्य दूर होते है और उन्हें सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। उत्तरी भारत में माँ संतोषी का व्रत महिलाओ द्वारा बहुत बड़े स्तर पर किया जाता है। मान्यता है 16 शुक्रवार तक लगातार माँ संतोषी का व्रत करने और पुरे विधि-विधान से पूजा करने से माँ संतोषी प्रसन्न होती है और परिवार में सुख और शांति का आशीर्वाद देती है। 🚩 

माँ संतोषी की उत्त्पति की कथा :-

 संतोषी माता मंदिर हमीरपुर 

माना जाता है एक बार रक्षाबंधन के दिन मनसा देवी अपने भाई श्री गणेश के घर उन्हें राखी बांधने आई। उस समय श्री गणेश के दोनों पुत्र शुभ और लाभ भी वहाँ मौजूद थे। पिता के हाथ में राखी बंधते देख उन्होंने भी गणेश जी से एक बहन की इच्छा प्रकट की। अपने पुत्रो के इस हठ को देखकर श्री गणेश ने एक कन्या की उत्पत्ति की जिन्हें बाद में माँ संतोषी के नाम से जाना गया। 

संतोषी माता शुक्रवार व्रत की विधि

संतोषी माता 

संतोषी माता हिंदू देवताओं में सबसे प्रतिष्ठित देवी में से एक हैं और वह 1960 के दशक की शुरुआत में एक देवी के रूप में उभरीं। प्रारंभ में उनकी आस्था और शक्तियाँ मौखिक प्रचार, व्रत-पैम्फलेट और पोस्टर कला के माध्यम से फैली हुई थीं। उनकी पूजा मुख्य रूप से उत्तर भारतीय और नेपाली महिलाओं द्वारा की जाती है, हालाँकि अन्य समुदायों को भी पूजनीय देवी की पूजा करते देखा जाता है। संतोषी माता कल्याण, प्रेम, खुशी, आशा और भक्तों की सभी इच्छाओं की संतुष्टि का प्रतीक हैं। प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में संतोषी माता को संतुष्टि की देवी कहा गया है और वह भगवान गणेश की पुत्री हैं।देवी संतोषी माता अपने सभी भक्तों की सभी समस्याओं और दुखों को स्वीकार करती हैं और उन्हें सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। यदि आप लगातार 16 शुक्रवार तक व्रत और प्रार्थना करके उनकी पूजा करते हैं, तो आपको परिवार में समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मिलेगा। भक्तों को फूल, धूप और एक कटोरी चीनी और भुने हुए गुड़ चने चढ़ाकर संतुष्टि की देवी संतोषी माता की पूजा करनी चाहिए।

 संतोषी माता मंदिर हमीरपुर हिमाचल प्रदेश

शुक्रवार व्रत की विधि

इस व्रत को करने वाले कथा कहत-सुनते समय हाथ में गुड़ और भुने चने रखें, सुनने वाले 'सन्तोषी माता की जय' 'सन्तोषी माता की जय' इस प्रकार जय-जयकार मुख से बोलते जावें। कथा समाप्त होने पर हाथ का गुड़-चना गाय को खिलावें। कलश पर रखा हुआ गुड़-चना सबको प्रसाद रूप में बाँट दें। कथा के पूर्व कलश को जल से भरें, उसके ऊपर गुड़-चना से भरा कटोरा रखें। कथा समाप्त होने और आरती होने के बाद. कलश के जल को घर में सब जगह पर छिड़कें और बचा हुआ तुलसी की क्यारी में सींच देवें। सवा आने का गुड़ और चना लेकर माता का व्रत करें। सवा पैसे का भी लेवें तो भी कोई आपत्ति नहीं, गुड़ घर में हो तो उसे लेवें, कोई विचार न करें, क्योंकि माता तो भावना की भूखी हैं, कम-ज्यादा का कोई विचार नहीं है। व्रत के उद्यापन में अढ़ाई सेर का खाजा, खीर और चना का शाक नैवेद्य रखें। घी का दीपक जला संतोषी माता का जयकार बोल नारियल तोड़ें। इस दिन घर में कोई प्राणी खटाई न खावें। खट्टा वस्तु खाने से माता का कोप होता है, इसलिए उद्यापन के दिन दाल, शाक आदि किसी भी वस्तु में खटाई न डालें न आप खावें न खटाई किसी दूसरे को खाने को दें। इस दिन आठ लड़कों को भोजन करावें, देवर, जेठ, कुटुम्ब का मिलता हो तो दूसरों को बुलाना नहीं, अगर कुटुम्ब के न मिलें तो ब्राह्मणों के, रिश्तेदारों के अथवा पास-पड़ोसियों के लड़के बुला लें, उन्हें खटाई की वस्तु न देनी तथा भोजन करा यथाशक्ति दक्षिणा देनी चाहिए। नगद पैसा न दें, कोई वस्तु दक्षिणा में देवें। व्रत करने वाला कथा सुनकर प्रसाद ले और एक समय भोजन करे। इस प्रकार व्रत करने से माता जैसे उसे बाई पर प्रसन्न हुई वैसे ही सब पर प्रसन्न होंगी।

शुक्रवार को ये चीज़ें खाई जा सकती हैं:

  • दूध
  • दही
  • खीर
  • फल
  • गुड़
  • चना
  • हलवा
  • सफ़ेद छेने
  • सफ़ेद रसगुल्ले
  • चावल, मखाने, और सेब से बनी खीर 

संतोषी माता व्रत करने के लाभ:

  1. सुख और कल्याण के लिए.
  2. समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु।
  3. विवाह के लिए.
  4. संतुष्टि के लिए.

कैसे करें संतोषी माता का व्रत:

  • इस व्रत को लगातार 16 शुक्रवार तक करना होता है। इसकी शुरुआत शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार यानि शुक्ल पक्ष से करनी चाहिए।
  • व्यक्ति को व्रत रखना चाहिए और दिन में केवल एक बार भोजन करना चाहिए। इस दिन न तो कोई खटाई खाएं और न ही बांटें।
  • पूजा की तैयारी से पहले स्नान कर लें या खुद को साफ कर लें।
  • साफ कपड़े पहनें.
  • घर और पूजा स्थल को साफ करें.
  • घर के किसी कोने में साफ कपड़े या लकड़ी के तख्ते पर देवी की मूर्ति या तस्वीर रखें।
  • एक कलश में साफ पानी भरें और उस पर गुड़ और भुने चने की कटोरी रखें।
  • अंत में आरती करें और कलश के जल को घर के सभी कोनों में छिड़कें।
  • फिर कटोरे में रखा प्रसाद यानी गुड़ और चना अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों में बांट दें।
  • सोलहवें शुक्रवार को आठ बालकों को बुलाकर खीर-पूरी का भोजन कराएं।

जिला  हमीरपुर मंदिर  ( हिमाचल प्रदेश),District Hamirpur Temple (Himachal Pradesh),

  1. वैष्णो देवी माता मन्दिर धंगोटा हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश)Vaishno Devi Mata Temple Dhangota Hamirpur District (Himachal Pradesh)
  2. लम्बलू मंदिर हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश)Lamblu Temple Hamirpur District (Himachal Pradesh)
  3. मुरली मनोहर मंदिर हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश)Murali Manohar Mandir Hamirpur District (Himachal Pradesh)
  4. नर्बदेश्वर मंदिर हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश) Narbadeshwar Temple Hamirpur District (Himachal Pradesh)
  5. गसोता मंदिर हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश) (Gasota Temple Hamirpur District (Himachal Pradesh))
  6. गसोता महादेव मंदिर हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश ) (Gasota Mahadev Temple Hamirpur (Himachal Pradesh))
  7. संतोषी माता मंदिर हमीरपुर हिमाचल प्रदेश ( Santoshi Mata Mandir Hamirpur himachal Pradesh )
  8. अवाह देवी मंदिर (जालपा देवी) हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश) (Avaha Devi Temple (Jalpa Devi) Hamirpur District (Himachal Pradesh))
  9. महर्षि मार्कंडेय मंदिर, हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश) (Maharishi Markandeya Temple, Hamirpur District (Himachal Pradesh))
  10. सिद्ध बाबा बालक नाथ गुफा मंदिर (Sidh Baba Balak Nath Cave Temple)
  11. बाबा बालक नाथ मंदिर हमीरपुर जिला ( हिमाचल प्रदेश) (Templul Baba Balak Nath Districtul Hamirpur (Himachal Pradesh))
  12. टौणी देवी मंदिर हमीरपुर, ( हिमाचल प्रदेश) (Templul Tauni Devi Hamirpur, (Himachal Pradesh))

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