हरियाली तीज या श्रावणी तीज (Hariyali Teej or Shravani Teej)

सावन की तीज एक पारंपरिक भारतीय त्योहार है जो खासकर महिलाओं द्वारा बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसे हरियाली तीज या श्रावणी तीज भी कहा जाता है। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करना और उनकी कृपा प्राप्त करना होता है। यह त्योहार विशेष रूप से उत्तर भारत, विशेषकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, और बिहार में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

सावन की तीज का महत्व

सावन की तीज का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह पर्व पति-पत्नी के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए समर्पित है और महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए इस दिन व्रत रखती हैं। इस दिन को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

सावन की तीज की परंपराएँ

सावन की तीज पर कुछ खास परंपराएँ और रीति-रिवाज निभाए जाते हैं जो इस त्योहार को और भी खास बना देते हैं। यहाँ पर कुछ मुख्य परंपराएँ दी जा रही हैं:

1. व्रत और पूजा

  • महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं।
  • देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा होती है।
  • पूजा में शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है और देवी पार्वती की प्रतिमा को नए वस्त्र और गहनों से सजाया जाता है।
  • महिलाएं पार्वती माता को सौभाग्य के प्रतीक के रूप में चुनरी और श्रृंगार के सामान चढ़ाती हैं।

2. मेहंदी लगाना

  • तीज के दिन हाथों में मेहंदी लगाने की परंपरा है। इसे शुभ और सौभाग्यशाली माना जाता है।
  • महिलाएं एक-दूसरे के हाथों में खूबसूरत मेहंदी के डिजाइन बनाती हैं।

3. सोलह श्रृंगार

  • महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार करती हैं, जो एक महिला के पूर्ण श्रृंगार को दर्शाता है।
  • इसमें चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, काजल, महावर आदि शामिल होते हैं।
  • नए वस्त्र धारण करना और आभूषण पहनना भी इस दिन का एक अहम हिस्सा होता है।

4. झूला झूलना



  • इस दिन पेड़ों पर झूले लगाए जाते हैं और महिलाएं उनमें झूलकर सावन के महीने का आनंद लेती हैं।
  • महिलाएं समूह में गीत गाते हुए झूला झूलती हैं, जो सावन की मस्ती और उल्लास को दर्शाता है।

5. गायन और नृत्य

  • तीज के मौके पर महिलाएं समूह में पारंपरिक लोक गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं।
  • यह नृत्य और गीत त्योहार की रौनक को और भी बढ़ा देते हैं और एक-दूसरे के प्रति प्रेम और समर्पण को प्रदर्शित करते हैं।

6. ससुराल से उपहार (सिंधारा)

  • विवाहित महिलाओं को उनके ससुराल से उपहार के रूप में नए वस्त्र, आभूषण, मिठाइयाँ, और अन्य सौंदर्य प्रसाधन भेजे जाते हैं, जिसे सिंधारा कहा जाता है।
  • ये उपहार उनके माता-पिता द्वारा भेजे जाते हैं जो उनकी खुशियों का प्रतीक होते हैं।

सावन की तीज की कथा

सावन की तीज से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है जो भगवान शिव और देवी पार्वती की अमर प्रेम कहानी को दर्शाती है। इस कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था। उन्होंने कई वर्षों तक व्रत रखा और कठिन साधना की। उनकी इस भक्ति और समर्पण से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

इस कथा के माध्यम से महिलाएं इस पर्व को मनाते हुए यह संदेश देती हैं कि पति-पत्नी का संबंध प्रेम, समर्पण और विश्वास पर आधारित होता है।

सावन की तीज के व्यंजन

सावन की तीज पर विशेष प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं, जो इस त्योहार को और भी खास बनाते हैं। कुछ खास व्यंजन इस प्रकार हैं:

1. घेवर

  • घेवर एक पारंपरिक मिठाई है जो खासतौर पर तीज और रक्षाबंधन पर बनाई जाती है।
  • यह मैदा, घी, और शक्कर से बनी होती है और इसे कई तरह के फ्लेवर्स में तैयार किया जाता है।

2. कचौरी

  • कचौरी एक लोकप्रिय नमकीन व्यंजन है जो तीज पर खासतौर से बनाया जाता है।
  • इसे विभिन्न प्रकार के मसालों से भरा जाता है और डीप फ्राई किया जाता है।

3. फेनी

  • फेनी एक मिठाई है जो मैदा से बनाई जाती है और इसे शक्कर के चाशनी में डुबोया जाता है।
  • यह मिठाई तीज के खास व्यंजनों में से एक है।

4. मालपुआ

  • मालपुआ एक और प्रसिद्ध मिठाई है जो इस पर्व पर बनाई जाती है।
  • यह एक प्रकार की पैनकेक होती है जिसे शक्कर की चाशनी में डुबोया जाता है।

5. दाल-बाटी-चूरमा

  • यह राजस्थान का एक प्रमुख व्यंजन है जो तीज पर खासतौर से तैयार किया जाता है।
  • इसे दाल, बाटी और चूरमा के रूप में परोसा जाता है और यह बेहद स्वादिष्ट होता है।

तीज का सांस्कृतिक महत्व

सावन की तीज का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। इस पर्व के माध्यम से महिलाएं अपने पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत करती हैं। यह पर्व सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता को भी प्रोत्साहित करता है। महिलाएं इस दिन अपनी सहेलियों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर उत्सव मनाती हैं और अपनी खुशियों को साझा करती हैं।

सावन की तीज की तस्वीरें और सोशल मीडिया पोस्ट्स

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सावन की तीज का समापन

सावन की तीज एक ऐसा पर्व है जो महिलाओं के जीवन में खुशियाँ और सौभाग्य लाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। सावन की तीज महिलाओं के समर्पण, प्रेम और आस्था का प्रतीक है और यह पर्व हमें सिखाता है कि कैसे पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत बनाया जा सकता है।

इस अवसर पर, हम सबको चाहिए कि हम अपने जीवन में सकारात्मकता और समर्पण का भाव लाएँ और इस पर्व को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाएँ।

आप सभी को सावन की तीज की ढेर सारी शुभकामनाएँ! 🌿🌼🌺

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