भलि ब्वारी - पहाड़ी महिलाओं की संघर्षमयी जीवन की गाथा - Bhali Bwari - The saga of the struggling life of hill women

भलि ब्वारी - पहाड़ों की सशक्त नारी


कविता:

सासु जैठानि साथ हो
आब यो रोजे बात हो
रात्ते उठी भाजि जंगल
ल्युनि झाडे घात हो।
बाग भालू कि डरे ले
मन कांपी रूंछ हो
आज घर पुजा दिया
रोज योई कुंछ हो।
मि जसि मेरी जैठानि
दुःख बाणी लिनु हो
मुड़ा में झाडे को बोजो
द्यु बात करि लिनु हो।
केनके बुति लागि रै
चाहे दफोरि घाम हो
भै ईजा बठे बात कब
न छ मिके फाम हो।
मुख धवैनाकि फुरसत नै
छोड मेकअप बात हो
कामे का जमौला लाग्या
क्या दिन क्या रात हो।
ज्यून जसि मि एकली
आँखा नि लागना हो
पिया छन परदेश
रात भरि जागना हो।
मेरा मने की पीड़ कौला
दुनिया बड़ी न्यारी हो
हांट भांटा तोडिया आपना
तबे भलि ब्वारी हो।


अर्थ और विश्लेषण:

"भलि ब्वारी" कविता पहाड़ों की उन महिलाओं के जीवन को बयां करती है, जो हर दिन कठिनाइयों का सामना करती हैं, फिर भी अपने परिवार और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने में कभी पीछे नहीं हटतीं।

1. दैनिक संघर्ष और कर्तव्य:

  • कविता में दिखाया गया है कि कैसे महिलाएं सुबह-सुबह जंगल जाकर लकड़ियां और झाड़ियां लाती हैं, बाघ और भालू के डर के बावजूद भी उनका साहस कम नहीं होता। यह संघर्ष उनका रोज़ का हिस्सा बन गया है।

2. सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियाँ:

  • कविता में जैठानि (बड़ी बहू) की तरह सभी कामों को समर्पण के साथ करना, समाज और परिवार में महिलाओं की अहमियत को दर्शाता है। उनके जीवन का हर पल काम-काज में बीतता है, जिसमें खुद के लिए कोई समय नहीं होता।

3. पत्नी का अकेलापन और दर्द:

  • इस कविता में एक महिला का दर्द भी छुपा हुआ है, जो अपने पति के परदेश में होने के कारण रात भर जागती है। उसका अकेलापन और उसके मन की पीड़ा कविता में स्पष्ट रूप से झलकती है।

4. समाज की नारी दृष्टिकोण:

  • समाज की नजर में भली ब्वारी (अच्छी बहू) बनने के लिए एक महिला को कितने संघर्षों से गुजरना पड़ता है, यह इस कविता के माध्यम से बताया गया है। अपने परिवार और समाज के लिए खुद को समर्पित करने वाली महिला ही "भलि ब्वारी" कहलाती है।

Keywords:

  • पहाड़ी नारी का संघर्ष
  • परिवार और समाज के प्रति नारी का समर्पण
  • अकेलापन और दर्द
  • सशक्त नारी

"भलि ब्वारी" कविता के माध्यम से राजू पाण्डेय ने पहाड़ों की उन महिलाओं के जीवन को दर्शाया है, जो हर परिस्थिति में अपने परिवार और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाती हैं। यह कविता हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि समाज में नारी के योगदान को हमें किस नजर से देखना चाहिए।

यहाँ भी पढ़े

  1. 🔱 हर हर महादेव 🔱 भक्ति स्टेटस ❣️-
  2. मुझमें से मेरा गांव नहीं जाता
  3. उत्तराखंड: देवभूमि की महिमा
  4. यादों का ठौर - पहाड़ी जीवन का सजीव चित्रण
  5. उत्तराखंड के गांवों की वीरानी पर एक कविता
  6. उत्तराखंड कून खन आब ज्वॉन हैगौ
  7. ढलती उम्र के सुख: एक काव्यात्मक यात्रा
  8. वीडियो कॉल में तस्वीर देखी गै 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Most Popular

केदारनाथ स्टेटस हिंदी में 2 लाइन(kedarnath status in hindi 2 line) something
जी रया जागी रया लिखित में , | हरेला पर्व की शुभकामनायें  (Ji Raya Jagi Raya in writing, | Happy Harela Festival )
हिमाचल प्रदेश पर शायरी स्टेटस कोट्स इन हिंदी(Shayari Status Quotes on Himachal Pradesh in Hindi)
 हिमाचल प्रदेश की वादियां शायरी 2 Line( Himachal Pradesh Ki Vadiyan Shayari )
महाकाल महादेव शिव शायरी दो लाइन स्टेटस इन हिंदी (Mahadev Status | Mahakal Status)
हिमाचल प्रदेश पर शायरी (Shayari on Himachal Pradesh )
गढ़वाली लोक साहित्य का इतिहास एवं स्वरूप (History and nature of Garhwali folk literature)
श्री बद्रीनाथ स्तुति (Shri Badrinath Stuti) Badrinath Quotes in Sanskrit
150+ उत्तराखंड सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर हिंदी में | Gk in Hindi - 150 +  Uttarakhand GK Question Answers in Hindi | Gk in hindi
Pahadi A Cappella 2 || Gothar Da Bakam Bham || गोठरदा बकम भम || MGV DIGITAL