माँ शैलपुत्री की आरती (Maa Shailputri Aarti)
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आरती का महत्व:
माँ शैलपुत्री की आरती भक्तों के दिल को शांति और समर्पण का अनुभव कराती है। यह आरती विशेष रूप से नवरात्रि के पहले दिन की जाती है, जब माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है। आरती के माध्यम से भक्त अपने जीवन की सभी परेशानियों और कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।
इस आरती का गायन करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। इसके माध्यम से भक्त माँ शैलपुत्री की कृपा प्राप्त करते हैं और अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि की कामना करते हैं।
माँ शैलपुत्री की आरती एक धार्मिक अनुष्ठान है जो भक्तों के मन को शुद्ध करता है और उन्हें आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है।
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ब्रह्मचारिणी
अर्थ: ब्रह्मचारिणी का अर्थ है "ब्रह्मचारीणी" अर्थात तपस्विनी। वह संयम और आत्म-संयम की प्रतीक हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन उनकी पूजा की जाती है। उनकी साधना हमें संयम और धैर्य की शिक्षा देती है।
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