जनपद चमोली: एक संक्षिप्त परिचय पीडीएफ - District Chamoli: A Brief Introduction PDF

जनपद चमोली: एक संक्षिप्त परिचय

चमोली उत्तराखंड राज्य का एक महत्वपूर्ण जनपद है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक स्थलों, और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र का नाम चमोली कैसे पड़ा, इसके बारे में कई मान्यताएँ हैं:

  1. चन्द्रमौलेश्वर से उत्पत्ति - कहा जाता है कि चमोली नाम चन्द्रमौलेश्वर से उत्पन्न हुआ। "चन्द्रमोलेश्वर" का अपभ्रंश "चम्वाला शिवालय" हुआ, और इसी कारण इस क्षेत्र को चमोली नाम से जाना जाने लगा।
  2. सुवर्ण से संबंध - चमोली नाम की एक व्युत्पत्ति सुवर्ण के पर्यायवाची शब्द "चामीकार" से भी मानी जाती है।
  3. लाल सांगा - चमोली नामकरण से पहले इसे "लाल सांगा" कहा जाता था। यहाँ अलकनंदा नदी पर बने झूला पुल को बांधने के लिए लाल रंग के लोहे के सांगल (जंजीर) लगाये गये थे, इसलिए इसे "लाल सांगा" कहा गया। इस क्षेत्र में चमोलीनाथ मंदिर भी था, जिससे इसका नाम चमोली पड़ा।
  4. चमोली नामकरण - वर्ष 1870 में इसे चमोली नाम दिया गया और यह पौड़ी जिले की एक तहसील बन गया। 24 फरवरी, 1960 को इसे एक अलग जिला घोषित किया गया, और 1970 में इसका मुख्यालय गोपेश्वर में स्थापित किया गया।

चमोली जिले की महत्वपूर्ण जानकारी

  • मुख्यालय: गोपेश्वर
  • स्थापना वर्ष: 1960

पड़ोसी जिले और राज्य

  • पूर्व में: पिथौरागढ़ एवं बागेश्वर
  • पश्चिम में: रुद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी
  • दक्षिण में: अल्मोड़ा, पौड़ी एवं बागेश्वर
  • उत्तर में: चीन

भूगोल और जनसंख्या

  • क्षेत्रफल: 8030 वर्ग किमी
  • जनसंख्या: 3,91,605 (3.88%)
    • पुरुष: 1,93,991
    • महिला: 1,97,614
    • ग्रामीण जनसंख्या: 3,32,209
    • शहरी जनसंख्या: 59,396
  • जनसंख्या घनत्व: 49

साक्षरता दर

  • कुल: 82.65%
    • पुरुष: 95.40%
    • महिला: 72.32%

लिंगानुपात

  • कुल लिंगानुपात: 1019 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष
  • शिशु लिंगानुपात: 889

प्रशासनिक जानकारी

  • विधानसभा सीटें: बद्रीनाथ, कर्णप्रयाग, थराली (SC)
  • तहसीलें: जोशीमठ, कर्णप्रयाग, गैरसैंण, थराली, चमोली, पोखरी, घाट, आदिबदरी (चाँदपुरगढ़ी), जिलासू, नारायणबगड़, नन्दप्रयाग, देवाल (कुल 12 तहसीलें)
  • विकासखंड: जोशीमठ (पैनखण्डा), कर्णप्रयाग, गैरसैंण, थराली, दशोली, पोखरी (नागपुर), घाट, देवाल, नारायणबगड़ (कुल 9 विकासखंड)

 

चमोली जनपद के बारे में FAQs

  1. चमोली का नाम कैसे पड़ा?

    • चमोली नाम की उत्पत्ति चन्द्रमौलेश्वर से मानी जाती है। इसे पहले "लाल सांगा" कहा जाता था। इसके बाद 1870 में इसका नाम चमोली पड़ा, जब इसे पौड़ी जिले की तहसील बनाया गया।
  2. चमोली का मुख्यालय कहाँ स्थित है?

    • चमोली का मुख्यालय गोपेश्वर में स्थित है।
  3. चमोली कब जिला बना?

    • चमोली को 24 फरवरी, 1960 को जिला बनाया गया और 1970 में इसका मुख्यालय गोपेश्वर में स्थापित किया गया।
  4. चमोली जिले के पड़ोसी जिले कौन-कौन से हैं?

    • चमोली के पूर्व में पिथौरागढ़ एवं बागेश्वर, पश्चिम में रुद्रप्रयाग एवं उत्तरकाशी, दक्षिण में अल्मोड़ा, पौड़ी एवं बागेश्वर, और उत्तर में चीन है।
  5. चमोली जिले का क्षेत्रफल कितना है?

    • चमोली जिले का क्षेत्रफल 8030 वर्ग किमी है।
  6. चमोली जिले की जनसंख्या कितनी है?

    • चमोली जिले की कुल जनसंख्या 3,91,605 है।
  7. चमोली जिले का साक्षरता दर क्या है?

    • चमोली जिले का साक्षरता दर 82.65% है, जिसमें पुरुष साक्षरता 95.40% और महिला साक्षरता 72.32% है।
  8. चमोली का लिंगानुपात क्या है?

    • चमोली जिले का लिंगानुपात 1019 है, जबकि शिशु लिंगानुपात 889 है।
  9. चमोली जिले में कौन-कौन सी विधानसभा सीटें हैं?

    • चमोली जिले में बद्रीनाथ, कर्णप्रयाग, और थराली (SC) विधानसभा सीटें हैं।
  10. चमोली में कितनी तहसीलें हैं?

    • चमोली में कुल 12 तहसीलें हैं, जिनमें जोशीमठ, कर्णप्रयाग, गैरसैंण, थराली, चमोली, पोखरी, घाट, आदिबदरी (चाँदपुरगढ़ी), जिलासू, नारायणबगड़, नन्दप्रयाग, और देवाल शामिल हैं।
  11. चमोली जिले में कौन-कौन से विकासखंड हैं?

    • चमोली जिले में कुल 9 विकासखंड हैं: जोशीमठ (पैनखण्डा), कर्णप्रयाग, गैरसैंण, थराली, दशोली, पोखरी (नागपुर), घाट, देवाल, और नारायणबगड़।
  12. लाल सांगा का क्या महत्त्व है?

    • लाल सांगा नाम अलकनन्दा नदी पर बने झूला पुल से जुड़ा है, जिसे बांधने के लिए लाल रंग के लोहे के सांगल का उपयोग किया गया था, इसी कारण इसे लाल सांगा कहा जाता था।


 Download PDF 👇

अल्मोड़ा: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर

टिप्पणियाँ

upcoming to download post