जिले की प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएं
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में जलविद्युत परियोजनाएँ ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यहां हम जिले की प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं का उल्लेख करेंगे, जो विभिन्न नदियों पर आधारित हैं।
अलकनन्दा नदी में स्थित परियोजनाएँ
विष्णु गाड परियोजना
यह परियोजना अलकनन्दा नदी पर स्थापित की गई है और यह क्षेत्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक है।पीपलकोटी परियोजना
यह परियोजना भी अलकनन्दा नदी के किनारे स्थित है और ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देती है।नन्दप्रयाग परियोजना
यह परियोजना नन्दप्रयाग में स्थित है और जल विद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।लंगासू परियोजना
अलकनन्दा नदी की जल धारा पर आधारित यह परियोजना भी क्षेत्र में ऊर्जा का स्त्रोत है।अमृतगगा परियोजना
यह परियोजना जल विद्युत उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है।वोवला नन्दप्रयाग परियोजना
यह परियोजना भी नन्दप्रयाग क्षेत्र में स्थित है और जल विद्युत उत्पादन में सहायक है।देवसारी बांध परियोजना
यह परियोजना अलकनन्दा नदी पर एक महत्वपूर्ण बांध के रूप में कार्यरत है।
पिण्डर नदी में स्थित परियोजनाएँ
देवल परियोजना
यह परियोजना पिण्डर नदी पर स्थित है और क्षेत्र में ऊर्जा का उत्पादन करती है।मेलखेत परियोजना
यह परियोजना भी पिण्डर नदी पर आधारित है और जल विद्युत उत्पादन में योगदान देती है।खेलगंगा परियोजना
पिण्डर नदी की जल धारा पर स्थित यह परियोजना क्षेत्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक है।बांग एवं घेस परियोजनाएँ
ये दोनों परियोजनाएँ भी पिण्डर नदी पर स्थापित हैं और ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
कल्पगंगा में स्थित परियोजना
- उर्गम परियोजना
यह परियोजना कल्पगंगा नदी पर आधारित है और जल विद्युत उत्पादन में योगदान देती है।
नन्दाकिनी नदी में स्थित परियोजनाएँ
राजवक्त्ती परियोजना
यह परियोजना नन्दाकिनी नदी पर स्थित है और जल विद्युत उत्पादन में सहायक है।देवली परियोजना
यह परियोजना भी नन्दाकिनी नदी पर आधारित है और क्षेत्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक है।
बनाला नदी में स्थित परियोजना
- बनाला परियोजना
यह परियोजना बनाला नदी पर स्थित है और जल विद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
ऋषिगंगा में स्थित परियोजना
- ऋषिगंगा परियोजना
यह परियोजना ऋषिगंगा नदी में स्थापित है और जल विद्युत उत्पादन में योगदान देती है।
धौलीगंगा में स्थित परियोजनाएँ
तमकलाटा परियोजना
यह परियोजना धौलीगंगा नदी पर स्थित है और ऊर्जा उत्पादन में सहायक है।लाटा तपोवन परियोजना
यह परियोजना भी धौलीगंगा नदी पर आधारित है और जल विद्युत उत्पादन में महत्वपूर्ण है।तपोवन - विष्णु गाड परियोजना
यह परियोजना धौलीगंगा नदी पर स्थित है और जल विद्युत उत्पादन में योगदान देती है।मनेरी, झेलम - तमक परियोजना
यह परियोजना धौलीगंगा नदी की जल धारा पर आधारित है।
बिरही गंगा में स्थित परियोजना
- गौना ताल परियोजना
यह परियोजना बिरही गंगा पर स्थापित है और जल विद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
इन जलविद्युत परियोजनाओं के माध्यम से उत्तराखंड में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है और यह क्षेत्र की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
सामान्य प्रश्न और उत्तर (FQCs)
1. उत्तराखंड में प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तराखंड में प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
अलकनन्दा नदी में:
- विष्णु गाड परियोजना
- पीपलकोटी परियोजना
- नन्दप्रयाग परियोजना
- लंगासू परियोजना
- अमृतगगा परियोजना
- वोवला नन्दप्रयाग परियोजना
- देवसारी बांध परियोजना
पिण्डर नदी में:
- देवल परियोजना
- मेलखेत परियोजना
- खेलगंगा परियोजना
- बांग एवं घेस परियोजनाएँ
कल्पगंगा में:
- उर्गम परियोजना
नन्दाकिनी में:
- राजवक्त्ती परियोजना
- देवली परियोजना
बनाला नदी में:
- बनाला परियोजना
ऋषिगंगा में:
- ऋषिगंगा परियोजना
धौलीगंगा में:
- तमकलाटा परियोजना
- लाटा तपोवन परियोजना
- तपोवन - विष्णु गाड परियोजना
- मनेरी, झेलम - तमक परियोजना
बिरही गंगा में:
- गौना ताल परियोजना
2. क्या जलविद्युत परियोजनाएँ पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं?
जलविद्युत परियोजनाएँ ऊर्जा उत्पादन का एक स्वच्छ तरीका हैं, लेकिन इनके निर्माण से पर्यावरण पर प्रभाव पड़ सकता है। यह नदियों के प्रवाह को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे स्थानीय पारिस्थितिकी पर असर होता है। इसलिए, परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय अध्ययन और प्रबंधन आवश्यक होते हैं।
3. जलविद्युत परियोजनाओं का महत्व क्या है?
जलविद्युत परियोजनाएँ नवीकरणीय ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, जो:
- विद्युत उत्पादन में सहायता करती हैं
- स्थानीय रोजगार के अवसर प्रदान करती हैं
- जल संसाधनों का समुचित उपयोग करती हैं
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद करती हैं
4. क्या जलविद्युत परियोजनाएँ स्थानीय समुदायों को लाभ पहुंचाती हैं?
हाँ, जलविद्युत परियोजनाएँ स्थानीय समुदायों को कई तरीकों से लाभ पहुंचाती हैं, जैसे:
- रोजगार के अवसर
- स्थानीय बुनियादी ढांचे में सुधार
- विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन
5. जलविद्युत परियोजनाओं में कौन-कौन सी नदियाँ शामिल हैं?
उत्तराखंड में जलविद्युत परियोजनाओं में शामिल नदियाँ हैं:
- अलकनन्दा
- पिण्डर
- धौलीगंगा
- नन्दाकिनी
- ऋषिगंगा
- बिरही गंगा
6. जलविद्युत परियोजनाएँ कैसे कार्य करती हैं?
जलविद्युत परियोजनाएँ पानी की धारा को एक टरबाइन के माध्यम से चलाकर विद्युत उत्पादन करती हैं। जैसे ही पानी टरबाइन को घुमाता है, यह जनरेटर को ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए संचालित करता है।
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