जनपद चमोली के प्रमुख समाचार पत्र एवं पत्रिकाएं पीडीएफ (Major newspapers and magazines of Chamoli district PDF)

जनपद चमोली के प्रमुख समाचार पत्र एवं पत्रिकाएं

उत्तराखंड की पत्रकारिता का इतिहास समृद्ध और विविधतापूर्ण है। यहां विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं का प्रकाशन हुआ है, जो समाज की आवाज को उठाने और सूचनाओं के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आइए जानते हैं उत्तराखंड के कुछ प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के बारे में:

1. समाज (1942)

  • संस्थापक: राम प्रसाद बहुगुणा
  • विशेषता: यह समाचार पत्र हस्तलिखित था और इसकी शुरुआत 1942 में हुई थी। समाज ने स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य किया।

2. देवभूमि (1953)

  • संस्थापक: राम प्रसाद बहुगुणा
  • विशेषता: यह राम प्रसाद बहुगुणा द्वारा शुरू किया गया दूसरा समाचार पत्र था। देवभूमि ने उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा और जनहित से जुड़े मुद्दों को व्यापक रूप से प्रकाशित किया।

3. उत्तराखण्ड आब्जर्वर (1964)

  • संस्थापक: धनन्जय भट्ट
  • विशेषता: यह समाचार पत्र चमोली से शुरू हुआ और इसने राज्य के प्रमुख घटनाक्रमों को कवर किया। इसकी रिपोर्टिंग ने उत्तराखंड की समस्याओं और उपलब्धियों को उजागर किया।

4. शैलजा दर्शन (1977)

  • संस्थापक: सुरेन्द्र सिंह भिलंगवाल
  • विशेषता: इस पत्रिका का उद्देश्य पहाड़ी जीवन, संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करना था। शैलजा दर्शन ने स्थानीय साहित्यिक गतिविधियों को भी समर्थन दिया।

5. औली समाचार (2001)

  • स्थान: नीति-माणा घाटी, चमोली
  • विशेषता: यह समाचार पत्र क्षेत्र की घटनाओं और स्थानीय जनहित के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। औली समाचार ने घाटी की आवाज को उजागर करने में मदद की है।

6. नवोदित पाक्षिक

  • संस्थापक: हरीश चन्दोला
  • विशेषता: यह पाक्षिक समाचार पत्र सामाजिक मुद्दों और राजनीतिक घटनाओं पर केंद्रित है। नवोदित ने युवा पाठकों के बीच लोकप्रियता प्राप्त की है।

7. अनिकेत (1977)

  • संस्थापक: रमेश पहाड़ी
  • विशेषता: अनिकेत ने साहित्यिक और सांस्कृतिक पहलुओं को छूने के लिए अपनी पहचान बनाई है। यह पत्रिका समाज में जागरूकता फैलाने के लिए महत्वपूर्ण है।

8. अतिरिक्त समाचार पत्र

  • विशेषताएँ: इसके अंतर्गत "द नन्दा पोस्ट", "बद्री विशाल", "गंगा-यमुना एक्सप्रेस" जैसे कई अन्य पत्रिकाएं शामिल हैं। ये सभी पत्रिकाएं उत्तराखंड की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करती हैं।

निष्कर्ष

उत्तराखंड की पत्रकारिता ने सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक मुद्दों को उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन समाचार पत्रों और पत्रिकाओं ने राज्य की पहचान को मजबूत करने और स्थानीय आवाज को उठाने का कार्य किया है। वे न केवल सूचनाओं का स्रोत हैं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का भी कार्य करते हैं।

FAQs: जनपद चमोली के प्रमुख समाचार पत्र एवं पत्रिकाएं

1. समाज समाचार पत्र किस वर्ष स्थापित हुआ?

  • उत्तर: समाज समाचार पत्र 1942 में स्थापित हुआ था।

2. समाज समाचार पत्र का संस्थापक कौन था?

  • उत्तर: समाज समाचार पत्र का संस्थापक राम प्रसाद बहुगुणा था।

3. देवभूमि समाचार पत्र कब शुरू हुआ?

  • उत्तर: देवभूमि समाचार पत्र 1953 में शुरू हुआ था।

4. उत्तराखण्ड आब्जर्वर की स्थापना कब और किसने की?

  • उत्तर: उत्तराखण्ड आब्जर्वर की स्थापना 1964 में धनन्जय भट्ट द्वारा की गई थी।

5. शैलजा दर्शन किस वर्ष स्थापित हुआ और इसके संस्थापक कौन हैं?

  • उत्तर: शैलजा दर्शन 1977 में स्थापित हुआ, और इसके संस्थापक सुरेन्द्र सिंह भिलंगवाल हैं।

6. औली समाचार पत्र कब स्थापित हुआ?

  • उत्तर: औली समाचार पत्र 2001 में स्थापित हुआ।

7. नवोदित पाक्षिक का संस्थापक कौन है?

  • उत्तर: नवोदित पाक्षिक के संस्थापक हरीश चन्दोला हैं।

8. अनिकेत पत्रिका किस वर्ष शुरू हुई?

  • उत्तर: अनिकेत पत्रिका 1977 में शुरू हुई थी।

9. उत्तराखंड में अतिरिक्त समाचार पत्र कौन-कौन से हैं?

  • उत्तर: अतिरिक्त समाचार पत्रों में "द नन्दा पोस्ट", "बद्री विशाल", और "गंगा-यमुना एक्सप्रेस" शामिल हैं।

10. उत्तराखंड के समाचार पत्रों की विशेषताएँ क्या हैं?

  • उत्तर: ये समाचार पत्र स्थानीय संस्कृति, परंपरा, और जनहित मुद्दों को उठाने के साथ-साथ समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करते हैं।

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