उत्तराखंड सामान्य ज्ञान: इतिहास, संस्कृति, कला और प्रशासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
उत्तराखंड सिर्फ अपनी सुंदरता और धार्मिक स्थलों के लिए ही नहीं जाना जाता, बल्कि यह राज्य ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, प्रशासनिक और प्राकृतिक धरोहरों का भी धनी है। आइए जानते हैं उत्तराखंड से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण और रोचक जानकारियाँ:

उत्तराखंड सामान्य ज्ञान, उत्तराखंड का इतिहास, उत्तराखंड संस्कृति,उत्तराखंड कला और शिल्प, उत्तराखंड प्रशासन, उत्तराखंड के प्रसिद्ध व्यक्ति, उत्तराखंड के ऐतिहासिक स्थल, उत्तराखंड की महत्वपूर्ण घटनाएँ, उत्तराखंड की प्रमुख नदियाँ, उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्वतीय गांव, उत्तराखंड के वीर सपूत, उत्तराखंड की प्रसिद्ध फिल्में, उत्तराखंड में पर्यटन स्थल, उत्तराखंड के ऐतिहासिक किले, उत्तराखंड के प्रमुख आंदोलन, उत्तराखंड की परंपराएँ, उत्तराखंड का सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन, उत्तराखंड के भूतपूर्व शासक, उत्तराखंड के धार्मिक स्थल,उत्तराखंड के विकास और समस्याएँ,
📚 ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक तथ्य
-
कण्वाश्रम पौड़ी जनपद में मालिनी नदी के तट पर स्थित है।
-
सती कुंड हरिद्वार में स्थित है, जो पौराणिक दृष्टि से अत्यंत महत्व रखता है।
-
मौलाराम के वंशज सुनार जाति से थे और उन्होंने गढ़वाली चित्रकला को नई पहचान दी।
-
घोड़े पर सवार जयदेव वजीर का चित्र मौलाराम ने बनाया था।
-
महाभारत में भीष्म पर्व में कैलाश पर्वत को हेमकूट कहा गया है।
-
महाभारत में हरिद्वार को गंगाद्वार कहा गया है।
-
वीणेश्वर मंदिर का निर्माण राजा कल्याण चंद ने कराया।
-
बालेश्वर मंदिर, चंपावत में ताम्रपत्र पर काच्लदेव का लेख मिलता है।
-
राणीहाट, श्रीनगर (गढ़वाल) में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है।
-
कत्यूरी काल में तपोवन को सुभिक्षपुर के नाम से जाना जाता था।
-
उत्तराखंड में लोक चित्रकला के उदाहरण हैं: ऐंपण, ज्यूँत मातृका, प्रकीर्ण, पौ, डिकोर आदि।
-
मौलाराम के पूर्वज हरदास, मुगलों के दरबारी चित्रकार थे और उन्हें सुलेमान शिकोह गढ़वाल लाए थे।
-
गढ़वाल पेंटिंग्स को दुनिया के सामने बैरिस्टर मुकुंदीलाल ने प्रस्तुत किया।
-
“गढ़वाल पेंटिंग्स, सम नोट्स ऑन मौलाराम, और गढ़वाल स्कूल ऑफ पेंटिंग्स” किताबें भी बैरिस्टर मुकुंदीलाल ने लिखीं।
-
‘पहाड़ी चित्रकला’ नामक पुस्तक की रचना किशोरी लाल वैद्य ने की थी।
🗽 स्वतन्त्रता आंदोलन और प्रेरक व्यक्तित्व
-
जयानन्द भारती ने पौड़ी में गर्वनर मेलकॉम हेली के सामने राष्ट्रीय तिरंगा फहराया था।
-
इन्द्रमणि बड़ोनी को उत्तराखंड का गांधी कहा जाता है।
-
उत्तराखंड के पहले परमवीर चक्र विजेता का नाम मेजर सोमनाथ शर्मा है।
🏛️ प्रशासनिक एवं विकास संबंधी तथ्य
-
उत्तराखंड राज्य का गठन संविधान की धारा 3 के अंतर्गत हुआ।
-
उत्तरांचल का नाम बदलकर उत्तराखंड 1 जनवरी 2007 को हुआ।
-
उत्तराखंड विधानसभा में अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित सीटें: 2
-
नगरपालिका परिषद के गठन के लिए आवश्यक आबादी: 50,000 से 1 लाख
-
नगर पंचायत के गठन के लिए आवश्यक आबादी: 5,000 से 50,000
-
2008 में पंचायतों में महिलाओं के लिए आरक्षण सीमा: 33% से बढ़ाकर 50% कर दी गई।
-
उत्तराखंड राज्य के शिल्प उत्पादों को ‘हिमाद्री’ ब्रांड नेम से बेचा जाता है।
-
क्राफ्ट डिजाइन सेंटर की स्थापना काशीपुर (ऊधम सिंह नगर) में की गई है।
🛕 धार्मिक और तीर्थ स्थल
-
द्वाराहाट का बद्रीनाथ मंदिर सुधादेव द्वारा बनाया गया।
-
कौथिग शब्द का अर्थ होता है मेला।
-
जागर का अर्थ है देवताओं को जगाने वाले गीत।
-
मंडाण नृत्य को केदार नृत्य के नाम से भी जाना जाता है।
🌊 नदियाँ, झरने एवं सिंचाई
-
टिहरी परियोजना का शिलान्यास 1972 में हुआ; यह भागीरथी और भिलंगना के संगम पर बनी है।
-
ऊपरी गंगा नहर, राज्य की सबसे पुरानी नहर (1854), हरिद्वार से निकलती है।
-
भिलंगना नदी का उद्गम खतलिंग ग्लेशियर है।
-
रुद्रगंगा का उद्गम रुद्रगेरा ग्लेशियर है।
-
गोरा गंगा और काली नदी का संगम जौलजीबी में होता है।
-
शिखर फॉल देहरादून में स्थित है।
-
राज्य में सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र: ऊधम सिंह नगर
-
सबसे कम सिंचित क्षेत्र: चमोली
-
नहरों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई: ऊधम सिंह नगर
-
नहरों द्वारा सबसे कम सिंचाई: चम्पावत
🏔️ प्राकृतिक वानिकी, बोली और पारंपरिक ज्ञान
-
कुमाऊँ गढ़वाल के वन, वन विभाग को 1868 में सौंपे गए।
-
इंपीरियल से प्रांतीय वन विभाग का रूपांतरण 1882 में हुआ।
-
खैट पर्वत (टिहरी) को परियों का देश कहा जाता है।
-
रिंगाल (नरकट) से बनाई जाती है डाले, कंडी, टोकरी आदि।
-
जोहारी बोली उत्तरी कुमाऊँ (पिथौरागढ़) में बोली जाती है।
-
वास्तुशिरोमणि ग्रंथ की रचना शंकर गुरु ने की थी।
🧗♂️ पर्यटन और पर्वतारोहण
-
कैलाश मानसरोवर यात्रा की शुरुआत 1981 में हुई।
-
पर्यटन विकास बोर्ड का गठन राज्य के पर्यटन मंत्री के अंतर्गत हुआ।
-
2001 को उत्तराखंड में पर्यटन वर्ष के रूप में मनाया गया।
-
पर्यटन मॉडल के रूप में सिंगापुर को अपनाया गया।
-
पर्यटन को थ्रस्ट उद्योग का दर्जा प्राप्त है।
-
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का स्लोगन है – “साहसे श्री प्रतिवसति” (सफलता साहस में निहित है)।
📖 साहित्य, पत्रिकाएँ और ऐतिहासिक लेख
-
रूपाभ पत्रिका का सम्पादन 1938 में सुमित्रानंदन पंत द्वारा किया गया।
-
गढ़वाली के प्रमुख अभिलेख और दस्तावेज की रचना शूरवीर सिंह पंवार ने की।
-
‘द हिल्स’ नामक पत्रिका मसूरी से प्रकाशित होती थी।
-
मसूरी स्टेशन लाइब्रेरी की स्थापना 1843 में हुई।
-
‘आइने अकबरी’ में 1183 ई. के दौरान तराई क्षेत्र में दो महलों का उल्लेख मिलता है।
-
अल्मोड़ा में 1840 में भीषण भूकंप आया था।
-
नैनीताल के कालाढूंगी व रामगढ़ क्षेत्र में लौह अयस्क सर्वाधिक पाया जाता है।
निष्कर्ष:
यह जानकारी उत्तराखंड राज्य की विविधता को दर्शाती है — यहाँ इतिहास, भूगोल, धर्म, परंपरा, पर्यटन, कला और प्रशासनिक गतिविधियाँ एक साथ चलती हैं। इस राज्य की संस्कृति और विरासत को जानना हर उत्तराखंडी और भारतवासी के लिए गर्व की बात है।
टिप्पणियाँ