उत्तराखण्ड सामान्य ज्ञान | जानिए राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य और रोचक जानकारियाँ
जानिए उत्तराखण्ड से जुड़ी विशेष और दुर्लभ जानकारियां — इतिहास, संस्कृति, जनजातियां, मंदिर, पर्व और बहुत कुछ। खासकर UPSC, UKPSC, और अन्य परीक्षाओं के लिए उपयुक्त।

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- लैंसडाउन से मास्को तक की पैदल यात्रा की – ज्ञान सिंह फर्वाण ने (मैकग्रेगर की उपाधि)
- उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक की स्थापना – 1 नवम्बर 2012 (देहरादून)
- व्यास सम्मान से सम्मानित राज्य के प्रथम व्यक्ति – रमेश चंद्र शाह
- पिण्डर नदी पर स्थित अंतिम गांव – खाती
- जागर संरक्षण दिवस – 11 सितम्बर 2016
- गांव बचाओ आन्दोलन – 2 अक्टूबर 2016
- अनिल जोशी देश का पहला किसान आयोग उत्तराखण्ड में – 9 अक्टूबर 2016
- उत्तराखण्ड पशुधन विकास बोर्ड – देहरादून
- महाभारत में कुणिन्द शासकों का नाम – द्विज श्रेष्ठ
- गंगोत्री व यमुनोत्री पहुंचने वाला प्रथम यूरोपीय यात्री – जेबी फेजर
- रत्नकवि का दूसरा नाम था – क्षेमराज
- कुमाऊँ का बारदोली कहा जाता है – सल्ट क्षेत्र
- गढ़वाल का बारदोली कहा जाता है – गुजडू क्षेत्र
- भक्तदर्शन का वास्तविक नाम – राजदर्शन
- माधो सिंह भण्डारी के पुत्र का नाम – गजे सिंह
- उत्तराखण्ड में ग्रीन स्कूल के प्रतिपादक – वीरेन्द्र सिंह
- सोलर फेसिंग का मतलब है – खेत की तार बाड़ सुरक्षा
- सालम का शेर कहा जाता है – राम सिंह आजाद
- गढ़वाली फिल्म "घरजंवै" किस वर्ष रिलीज हुई – 1986
- गढ़वाली फिल्म "घरजंवै" के निर्देशक थे – विश्वेश्वर नौटियाल
- गुलाब राय को मिनी कार्बेट के नाम से जाना जाता है
- गढ़वाल हितकारिणी सभा की स्थापना 1901 में – तारादत्त गैरोला ने की
- राज्य आन्दोलन में गिरफ्तार होने वाली प्रथम महिला – तुलसी रावत
- कुमाऊँ रेजीमेंट का स्लोगन है – पराकमे विजयते
- अलकनंदा नदी V आकार की घाटी बनाती है
- अप्रैल 2008 को राज्य में पर्वत नीति लागू हुई थी
- बुग्यालों की मदर टेरेसा कहा जाता है – रूपा देवी को
- वंदेमातरम् का कुमाऊँनी में अनुवाद – हरिराम त्रिपाठी
- पावर बैकिंग योजना सम्बन्धित है – विद्युत क्षेत्र
- महारुद्रेश्वर मंदिर समूह है – अल्मोड़ा
- कुमाऊँ मंडल विकास निगम की स्थापना – 31 मार्च 1976
- राज्य में नया पुलिस एक्ट लागू हुआ – 2008 में
- राज्य में केदार भूमि कहते हैं – सिंचित भूमि को
- शीलासमुद्र बुग्याल है – चमोली जिले में
- उत्तराखण्ड का लद्दाख कहा जाता है – नेलांग घाटी को
- राज्य के तीसरे वित्त आयोग के अध्यक्ष – इन्द्र कुमार पांडे
- नंदादेवी कन्याधन योजना शुरू हुई – 2009
- सिंगोरी मिठाई के लिए प्रसिद्ध था – पुरानी टिहरी
- बाल मिठाई का घर – अल्मोड़ा
- पिथौरागढ़ में भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व – चैतोल पर्व
- चैतोल मेला लगता है – चम्पावत (लोहाघाट)
- कोट माई का मेला लगता है – अल्मोड़ा
- गबला देव का मेला लगता है – दारमा घाटी, पिथौरागढ़
- नीलिंग देवता का मंदिर – बागेश्वर
- कामाख्या देवी का मंदिर – पिथौरागढ़
- सती अनुसूइया देवी का मंदिर – चमोली
- गुरना मंदिर स्थित है – पिथौरागढ़
- चक्रवर्तेश्वर मंदिर स्थित है – गरुड़
- बिन्सर महादेव मंदिर स्थित है – अल्मोड़ा
- नौ देवल मंदिर समूह – अल्मोड़ा
- उत्तराखण्ड मानचित्र का प्रथम संस्करण जारी किया गया – 2001 में
- राठवाहिनी नाम है – प. रामगंगा
- राजी जनजाति के प्रथम निर्वाचित विधायक हैं – गगन सिंह रजवार
- अनुसूइया देवी का मंदिर – चमोली
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का प्रारम्भ – पौड़ी गढ़वाल, 9 जून 2016
- राज्य का पहला वाई-फाई जिला – नैनीताल
- देश का पहला कार्बन न्यूट्रल चिड़ियाघर – हल्द्वानी
- देश में प्रस्तावित सबसे बड़ी रेल सुरंग – ऋषिकेश से कर्णप्रयाग
- सुमित्रानंदन पंत की कुमाऊँनी भाषा में रचना – बुरुंश
- गोखले नामक आभूषण पहना जाता है – बाजू में
- राज्य का पहला कॉर्निया बैंक – हल्द्वानी
✍️ निष्कर्ष
उत्तराखण्ड न केवल प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक घटनाएं, जनजातीय विविधता और सामाजिक आंदोलन भी इसे विशेष बनाते हैं। चाहे बात "लैंसडाउन से मास्को तक की यात्रा" करने वाले व्यक्तित्व की हो या राज्य में पहले वाई-फाई जिले की, हर तथ्य उत्तराखण्ड की अनोखी पहचान को दर्शाता है। इस ब्लॉग में प्रस्तुत जानकारी न केवल सामान्य ज्ञान को समृद्ध करती है, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। उम्मीद है यह लेख आपके ज्ञान में वृद्धि करेगा और आपको अपने राज्य पर गर्व की अनुभूति कराएगा।
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