पिथौरागढ़ जिले की प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएं, ग्लेशियर, और दर्रे पीडीएफ (Major hydropower projects, glaciers and passes of Pithoragarh district PDF)
पिथौरागढ़ जिले की प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएं, ग्लेशियर, और दर्रे
पिथौरागढ़ जिला, उत्तराखंड का एक प्रमुख क्षेत्र है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध संसाधनों के लिए जाना जाता है। यहां की प्रमुख नदियों पर अनेक जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित की गई हैं, जो राज्य की ऊर्जा आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। इसके अलावा, जिले में कई महत्वपूर्ण ग्लेशियर और दर्रे हैं, जो पर्यटकों और पर्वतारोहियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
पिथौरागढ़ की प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएं
1. धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना:
- क्षमता: 280 मेगावाट
- स्थान: यह परियोजना धौलीगंगा नदी पर आधारित है और ऊर्जा उत्पादन में प्रमुख भूमिका निभाती है।
2. गरबा-तवाघाट परियोजना:
- क्षमता: 630 मेगावाट
- स्थान: यह परियोजना काली नदी पर स्थित है और जिले की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सहायक है।
धौलीगंगा में अन्य परियोजनाएं:
- सेला-उर्थिग-सोबला परियोजना
- चुंगर चाल परियोजना
- बोकांग-बेलिंग परियोजना
गौरी नदी पर परियोजनाएं:
- गौरीगंगा परियोजना
- करमोली लुम्टी तल्ली परियोजना
- रूसियाबगड़-खसियाबाड़ा परियोजना: 260 मेगावाट
- मड़किनी परियोजना
पूर्वी रामगंगा नदी पर परियोजनाएं:
- बुर्थिग परियोजना
- बालगाड़ परियोजना
- फुलियाबगड़ परियोजना
अन्य प्रमुख परियोजनाएं:
- ऐलागाड़ परियोजना
- कूला परियोजना
- हाट परियोजना
- तालेश्वर परियोजना
- छड़नदेव परियोजना
- सुरनीगाड़ परियोजना
- सुरनीगाड़ नदी तांकुल परियोजना
- श्यामखोलीगाड़ तंगा परियोजना
- मोतीघाट परियोजना (सेराघाट नदी)
- पैनगाड़ परियोजना
पिथौरागढ़ जिले के प्रमुख ग्लेशियर
पिथौरागढ़ में अनेक ग्लेशियर स्थित हैं, जो जल स्रोत के प्रमुख स्रोत हैं। यहां के कुछ महत्वपूर्ण ग्लेशियर निम्नलिखित हैं:
- रालम ग्लेशियर
- नामिक ग्लेशियर
- कालापानी ग्लेशियर
- पोटिंग ग्लेशियर
- हीरामणि ग्लेशियर
- म्पौला ग्लेशियर
- सोना ग्लेशियर
- कालबलन्दा ग्लेशियर
- मिलम ग्लेशियर
- पिनौरा ग्लेशियर
ये ग्लेशियर न केवल पानी का प्रमुख स्रोत हैं बल्कि पर्वतारोहण और ट्रेकिंग के लिए भी आकर्षक स्थान हैं।
पिथौरागढ़ जिले के प्रमुख दर्रे
पिथौरागढ़ के पहाड़ी क्षेत्रों में कई प्रमुख दर्रे स्थित हैं, जो ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
1. पिथौरागढ़-चीन के मध्य दर्रे:
- दारमा/नवीधुरा दर्रा
- लेबि दर्रा
- ऊंटा जयंती दर्रा
- मान्सया-लम्पिया दर्रा
2. चीन-नेपाल के मध्य दर्रा:
- लिपुलेख दर्रा: यह दर्रा भारत, नेपाल, और चीन के मध्य प्रमुख दर्रा है।
3. पिथौरागढ़-चमोली के मध्य दर्रे:
- बाराहोती दर्रा
- मार्चयोक दर्रा
- टोपिढूंगा दर्रा
- लातुधुरा दर्रा
4. पिथौरागढ़ के स्थानीय दर्रे:
- धारमिला दर्रा
- नामा दर्रा
- खदिया दर्रा
- जैंतीधुरा दर्रा
- ग्यौगाड़ दर्रा
- सिनला दर्रा: राज्य का दूसरा सबसे ऊंचा दर्रा माना जाता है।
5. पिथौरागढ़-बागेश्वर के मध्य दर्रे:
- ट्रेल पास दर्रा/पिण्डारी कण्डा: 1830 में ट्रेल द्वारा खोजा गया दर्रा।
6. पिथौरागढ़-चम्पावत का दर्रा:
- लासपा दर्रा
पिथौरागढ़ जिले की प्रमुख जल विद्युत परियोजनाओं, ग्लेशियरों, और दर्रों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. पिथौरागढ़ जिले में प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएं कौन-कौन सी हैं?
- उत्तर: पिथौरागढ़ में कई जल विद्युत परियोजनाएं हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना - 280 मेगावाट
- गरबा-तवाघाट परियोजना - 630 मेगावाट
- गौरीगंगा परियोजना
- रूसियाबगड़-खसियाबाड़ा परियोजना (260 मेगावाट)
- अन्य परियोजनाओं में सेला-उर्थिग-सोबला, मड़किनी, बोकांग-बेलिंग और कई छोटी परियोजनाएं भी शामिल हैं।
2. पिथौरागढ़ में कौन-कौन से प्रमुख ग्लेशियर स्थित हैं?
- उत्तर: पिथौरागढ़ जिले में कई महत्वपूर्ण ग्लेशियर हैं:
- रालम ग्लेशियर
- नामिक ग्लेशियर
- कालापानी ग्लेशियर
- पोटिंग ग्लेशियर
- मिलम ग्लेशियर
- अन्य ग्लेशियरों में हीरामणि, म्पौला, सोना, कालबलन्दा, और पिनौरा ग्लेशियर शामिल हैं।
3. पिथौरागढ़ जिले में प्रमुख दर्रों के नाम क्या हैं?
- उत्तर: पिथौरागढ़ में स्थित प्रमुख दर्रे निम्नलिखित हैं:
- भारत-चीन सीमा पर: दारमा, नवीधुरा, लेबि, ऊंटा जयंती, मान्सया-लम्पिया
- भारत-नेपाल-चीन सीमा: लिपुलेख दर्रा
- पिथौरागढ़-चमोली सीमा: बाराहोती, मार्चयोक, टोपिढूंगा, लातुधुरा
- स्थानीय दर्रे: धारमिला, नामा, खदिया, जैंतीधुरा, ग्यौगाड़, सिनला
- पिथौरागढ़-बागेश्वर सीमा: ट्रेल पास/पिण्डारी कण्डा
4. धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना की विशेषताएं क्या हैं?
- उत्तर: धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना पिथौरागढ़ जिले की प्रमुख परियोजनाओं में से एक है, जिसकी क्षमता 280 मेगावाट है। यह परियोजना धौलीगंगा नदी पर आधारित है और स्थानीय एवं राज्य स्तर पर ऊर्जा आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
5. लिपुलेख दर्रा का ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्व क्या है?
- उत्तर: लिपुलेख दर्रा भारत, नेपाल, और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण सीमांत क्षेत्र है। यह दर्रा कैलाश मानसरोवर यात्रा के मार्ग के रूप में भी जाना जाता है और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
6. मिलम ग्लेशियर क्यों प्रसिद्ध है?
- उत्तर: मिलम ग्लेशियर पिथौरागढ़ जिले का सबसे बड़ा ग्लेशियर है और पर्वतारोहियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। यह ग्लेशियर गंगा के प्रमुख जलस्रोतों में से एक है।
7. ट्रेल पास दर्रा का नाम किसके नाम पर रखा गया है?
- उत्तर: ट्रेल पास दर्रा का नाम 1830 में ब्रिटिश अधिकारी ट्रेल के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने इस दर्रे की खोज की थी। यह दर्रा पिण्डारी घाटी में स्थित है और पिथौरागढ़-बागेश्वर सीमा के बीच है।
8. पिथौरागढ़ जिले में कौन-कौन सी नदियां जल विद्युत उत्पादन के लिए उपयोग होती हैं?
- उत्तर: पिथौरागढ़ जिले में प्रमुख नदियां, जैसे धौलीगंगा, काली नदी, गौरीगंगा, और पूर्वी रामगंगा नदी, जल विद्युत उत्पादन के लिए उपयोग की जाती हैं।
9. पिथौरागढ़ के सिनला दर्रे की खासियत क्या है?
- उत्तर: सिनला दर्रा पिथौरागढ़ का दूसरा सबसे ऊंचा दर्रा है और अपनी ऊंचाई और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह स्थानीय निवासियों और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।
10. पिथौरागढ़ के अन्य प्रमुख जल विद्युत परियोजनाओं के नाम क्या हैं?
- उत्तर: पिथौरागढ़ की अन्य प्रमुख परियोजनाओं में शामिल हैं:
- कूला परियोजना
- ऐलागाड़ परियोजना
- हाट परियोजना
- तालेश्वर परियोजना
- सुरनीगाड़ परियोजना
- तांकुल परियोजना और श्यामखोलीगाड़ तंगा परियोजना
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