नैनीताल: झीलों की नगरी में पर्यटन का अनूठा अनुभव (Nainital: A unique experience of tourism in the city of lakes)

नैनीताल: झीलों की नगरी में पर्यटन का अनूठा अनुभव

नैनीताल, अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता, झीलों और मनोहारी पर्वतों के कारण उत्तराखंड का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह जगह अपने आकर्षक स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों के कारण पर्यटकों को हर मौसम में अपनी ओर खींचती है। आइए जानते हैं नैनीताल के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में।


1. नैनी झील

श्रेणी: एडवेंचर, प्राकृतिक सौंदर्य
नैनीताल की पहचान नैनी झील के बिना अधूरी है। यह झील सूर्य की रोशनी में आसपास की पहाड़ियों और वनस्पति के प्रतिबिंब से अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती है। रात में पहाड़ियों पर जलते बल्बों की रोशनी और झील के पानी में उनका प्रतिबिंब एक जादुई अनुभव कराता है।

नौकायन: झील में पर्यटकों के लिए चप्पू वाली और पैडल वाली नौकाओं से नौकायन का प्रावधान है। साहसी पर्यटक पाल नौकायन का भी मजा ले सकते हैं।
स्थान: मल्लीताल और तल्लीताल झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर हैं, जहां से बाजार भी जुड़े हुए हैं।

कैसे पहुंचें:

  • वायु मार्ग: पंतनगर एयरपोर्ट से 70 कि.मी.
  • ट्रेन द्वारा: काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 34 कि.मी.
  • सड़क मार्ग: हल्द्वानी बस स्टेशन से 40 कि.मी.

2. माल रोड

श्रेणी: प्राकृतिक सौंदर्य, मनोरंजक
नैनीताल का माल रोड, जिसे अब पं. गोविंद बल्लभ पंत मार्ग कहा जाता है, पर्यटकों का पसंदीदा स्थान है। विशेष रूप से मई-जून के महीनों में यह क्षेत्र बेहद व्यस्त रहता है, जब सैलानी सड़क पर टहलना पसंद करते हैं। शाम के समय यहां यातायात बंद रहता है, जिससे पर्यटकों को निर्बाध रूप से सड़क पर घूमने का आनंद मिलता है।

कैसे पहुंचें:

  • वायु मार्ग: पंतनगर एयरपोर्ट से 70 कि.मी.
  • ट्रेन द्वारा: काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 34 कि.मी.
  • सड़क मार्ग: हल्द्वानी बस स्टेशन से 40 कि.मी.

3. फ्लैट्स

श्रेणी: धार्मिक, मनोरंजक
फ्लैट्स एक बड़ा मैदान है जो कभी भूस्खलन से बने क्षेत्र में स्थित है। यहां पर पं. गोविंद बल्लभ की मूर्ति, बोट हाउस क्लब, मस्जिद, गुरुद्वारा, और नैना देवी मंदिर मौजूद हैं। इस क्षेत्र में भोटिया मार्केट भी है, जहां से फैंसी सामान खरीद सकते हैं।

कैसे पहुंचें:

  • वायु मार्ग: पंतनगर एयरपोर्ट से 71 कि.मी.
  • ट्रेन द्वारा: काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 35 कि.मी.
  • सड़क मार्ग: हल्द्वानी बस स्टेशन से 41 कि.मी.

4. उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान

श्रेणी: एडवेंचर, प्राकृतिक सौंदर्य
गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान, नैनीताल बस स्टेशन से करीब 1 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। समुद्र तल से 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस चिड़ियाघर में हिमालयी काले भालू, तेंदुए, साइबेरियाई टाइगर जैसे दुर्लभ जानवर देखने को मिलते हैं।

कैसे पहुंचें:

  • वायु मार्ग: पंतनगर एयरपोर्ट से 71 कि.मी.
  • ट्रेन द्वारा: काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 35 कि.मी.
  • सड़क मार्ग: हल्द्वानी बस स्टेशन से 41 कि.मी.

5. रज्जु मार्ग (रोपवे)

श्रेणी: प्राकृतिक सौंदर्य
नैनीताल का रोपवे स्नो व्यू पॉइंट तक पहुंचाता है, जहां से हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों का नजारा लिया जा सकता है। यह रोपवे मल्लीताल में फ्लैट्स के पास से शुरू होता है और पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

समय: 10 बजे से 4 बजे तक
कैसे पहुंचें:

  • वायु मार्ग: पंतनगर एयरपोर्ट से 72 कि.मी.
  • ट्रेन द्वारा: काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 36 कि.मी.
  • सड़क मार्ग: हल्द्वानी बस स्टेशन से 42 कि.मी.

6. घुड़सवारी

श्रेणी: एडवेंचर, मनोरंजक
नैनीताल के पास बारापत्थर से पर्यटकों के लिए घुड़सवारी का प्रावधान है। घुड़सवारी के माध्यम से पर्यटक नैनीताल की सुंदर पहाड़ियों का नजारा ले सकते हैं।

कैसे पहुंचें:

  • सड़क द्वारा बारापत्थर से घुड़सवारी के लिए जा सकते हैं।

7. नैनीताल राजभवन

श्रेणी: ऐतिहासिक, प्राकृतिक सौंदर्य
नैनीताल का राजभवन उत्तराखंड के राज्यपाल का आवास है और इसे बकिंघम पैलेस की तर्ज पर बनाया गया है। यहां सुंदर बगीचे, गोल्फ कोर्स, और अन्य आकर्षण हैं जो पर्यटकों के लिए खोले गए हैं।

कैसे पहुंचें:

  • वायु मार्ग: पंतनगर एयरपोर्ट से 74 कि.मी.
  • ट्रेन द्वारा: काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 38 कि.मी.

8. हनुमान गढ़ी

श्रेणी: धार्मिक, प्राकृतिक सौंदर्य
हनुमान गढ़ी अपने सूर्यास्त के मनमोहक दृश्य के लिए प्रसिद्ध है। यहां हनुमान जी, भगवान राम और शिव के मंदिर भी स्थित हैं। इस जगह का निर्माण बाबा नीब करौली के आदेश पर 1950 के आसपास हुआ था।

कैसे पहुंचें:

  • वायु मार्ग: पंतनगर एयरपोर्ट से 68 कि.मी.
  • ट्रेन द्वारा: काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 32 कि.मी.
  • सड़क मार्ग: हल्द्वानी बस स्टेशन से 38 कि.मी.

9. आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज)

श्रेणी: खगोलीय अनुसंधान
एरीज (आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान) नैनीताल में खगोलीय शोध के लिए प्रमुख संस्थान है, जहां खगोलीय शोध और आकाशीय पिंडों की जानकारी के लिए कई टेलीस्कोप मौजूद हैं।


नैनीताल के प्रमुख दर्शनीय स्थल: प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक स्थल

नैनीताल और इसके आसपास के पर्यटन स्थल, उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व को बखूबी दर्शाते हैं। यहाँ नैनीताल के कुछ प्रसिद्ध स्थलों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत है, जो इसे पर्यटकों के लिए बेहद आकर्षक बनाते हैं।


10. स्नो व्यू

श्रेणी: प्राकृतिक / मनोहर सौंदर्य

स्नो व्यू, नैनीताल के निकट स्थित एक प्रमुख चोटी है, जहाँ पर्यटक सड़क या रोपवे द्वारा आसानी से पहुँच सकते हैं। यह स्थान नैनीताल से केवल 2.5 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ से हिमालय की हिमाच्छादित पर्वत श्रृंखलाओं का भव्य दृश्य देखने को मिलता है। साथ ही, इस पहाड़ी पर एक मंदिर और बच्चों के लिए एक छोटा पार्क भी उपलब्ध है।


11. नैना पीक (चाइना पीक)

श्रेणी: प्राकृतिक / मनोहर सौंदर्य

नैना पीक नैनीताल की सबसे ऊँची चोटी है, जो समुद्र तल से 2611 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह नैनीताल से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ से हिमालय का विहंगम दृश्य और नैनीताल का सुंदर 'बर्ड आई व्यू' भी देखा जा सकता है। पर्यटक यहाँ घुड़सवारी या पैदल ट्रेकिंग करते हुए पहुँच सकते हैं।


12. डोरोथी सीट (टिफिन टॉप)

श्रेणी: प्राकृतिक / मनोहर सौंदर्य

टिफिन टॉप, नैनीताल से 4 किलोमीटर की दूरी पर अयारपाटा क्षेत्र में स्थित एक रमणीय स्थल है। यह स्थान पर्यटकों को हिमालय पर्वतमाला और ग्रामीण परिवेश का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। इस स्थान का नाम एक ब्रिटिश महिला पेंटर डोरोथी सीट के नाम पर रखा गया था।

कैसे पहुँचें:

  • वायु मार्ग: पंतनगर एयरपोर्ट से 74 किमी दूर।
  • रेल मार्ग: काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 38 किमी दूर।
  • सड़क मार्ग: हल्द्वानी से 44 किमी की दूरी पर।

अल्मोड़ा जनपद

  1. अल्मोड़ा: चौबटिया - बागों का स्वर्ग
  2. अल्मोड़ा जिला: MCQs
  3. प्रमुख समाचार पत्र और पत्रिकाएं (PDF)
  4. अल्मोड़ा जिला: 100-100 प्रश्न और उत्तर
  5. प्रमुख मंदिरों का संपूर्ण विवरण
  6. अल्मोड़ा जिले की प्रमुख नदियाँ (PDF)
  7. अल्मोड़ा जिला: आधारित प्रश्न और उत्तर
  8. खुमड़ का शहीद मेला: ऐतिहासिक महत्व
  9. अल्मोड़ा जिला (PDF)
  10. अल्मोड़ा जिला: संक्षिप्त परिचय (PDF)

13. किलबरी

श्रेणी: प्राकृतिक / मनोहर सौंदर्य

किलबरी, नैनीताल से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह समुद्र तल से 2194 मीटर की ऊँचाई पर है। यह स्थान अपने घने जंगलों और शांति के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ से हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है।


14. भवाली

श्रेणी: प्राकृतिक / मनोहर सौंदर्य

भवाली, नैनीताल से 11 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 1706 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह स्थान नैनीताल के निकटवर्ती क्षेत्रों को जोड़ने वाले जंक्शन का कार्य करता है और यहाँ एक प्रसिद्ध टी.वी. सैनेटोरियम भी स्थित है।


15. भीमताल

श्रेणी: प्राकृतिक / मनोहर सौंदर्य

भीमताल नैनीताल से 22 किलोमीटर दूर स्थित एक आकर्षक झील है, जो नौकायान और मछलीघर के लिए प्रसिद्ध है। झील के बीचोंबीच स्थित टापू पर एक मछलीघर बनाया गया है। भीमताल के किनारे भगवान भीमेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर भी स्थित है।


16. सातताल

श्रेणी: प्राकृतिक / मनोहर सौंदर्य

सातताल, नैनीताल से 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक अनोखा और अविस्मरणीय स्थान है। यह सात झीलों का एक समूह है, जो घने बांज के वृक्षों से घिरा हुआ है। इन झीलों को राम, लक्ष्मण, और सीता झील के नाम से भी जाना जाता है।


17. मुक्तेश्वर

श्रेणी: प्राकृतिक / मनोहर सौंदर्य

मुक्तेश्वर, नैनीताल से 51 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 2286 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक अत्यंत खूबसूरत स्थान है। यह स्थान देवदार के घने जंगलों और फलों के बगीचों से घिरा हुआ है। मुक्तेश्वर में भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है, जहाँ से चारों ओर का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है।


18. कैंची धाम

श्रेणी: धार्मिक स्थल

कैंची धाम, नैनीताल से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह बाबा नीब करौली महाराज का आश्रम है, जहाँ प्रतिवर्ष 15 जून को विशाल मेले का आयोजन होता है। यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और बाबा के आशीर्वाद का अनुभव करते हैं।


19 . नौकुचियाताल

श्रेणी: प्राकृतिक / मनोहर सौंदर्य

नौकुचियाताल झील, नैनीताल से 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक शांत झील है। इस झील में नौ कोने हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं। यह स्थल प्रकृति प्रेमियों और शांतिपूर्ण माहौल में समय बिताने के इच्छुक पर्यटकों के लिए आदर्श है।


20. भवाली
श्रेणी: प्राकृतिक / मनोहर सौंदर्य
भवाली समुद्र तल से 1706 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और नैनीताल से 11 किलोमीटर दूर है। यह स्थान नैनीताल को आसपास के पर्यटक स्थलों से जोड़ने का केंद्र भी है। भवाली अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पहाड़ी फल मंडी के लिए प्रसिद्ध है। यहां स्थित टी.वी. सैनेटोरियम भी भवाली की पहचान है, जो 1912 में खोला गया था।

कैसे पहुंचें:

  • वायु मार्ग द्वारा: पंतनगर एयरपोर्ट से 70 कि.मी. की दूरी पर।
  • ट्रेन द्वारा: काठगोदाम रेलवे स्टेशन से लगभग 34 कि.मी. दूर।
  • सड़क के द्वारा: हल्द्वानी से भवाली दो मार्गों से पहुंचा जा सकता है:
    • हल्द्वानी - भीमताल - भवाली
    • हल्द्वानी - ज्योलीकोट - भवाली
      हल्द्वानी से भवाली की दूरी लगभग 40 कि.मी. है। भवाली से नैनीताल और भीमताल की दूरी लगभग 11 कि.मी. है।

21. घोड़ाखाल
श्रेणी: धार्मिक
घोड़ाखाल कुमाऊं के लोगों के लिए एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यहाँ भगवान गोलज्यू का मंदिर स्थित है, जो भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है। इसके अलावा, यहाँ का सैनिक स्कूल भी प्रसिद्ध है। भवाली से घोड़ाखाल की दूरी केवल 3 कि.मी. है।

कैसे पहुंचें:

  • वायु मार्ग द्वारा: पंतनगर एयरपोर्ट से 73 कि.मी. की दूरी पर।
  • ट्रेन द्वारा: काठगोदाम रेलवे स्टेशन से लगभग 37 कि.मी. दूर।
  • सड़क के द्वारा: हल्द्वानी बस स्टेशन से 43 कि.मी. और भवाली बस स्टेशन से 3 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। नैनीताल से इसकी दूरी लगभग 14 कि.मी. है।

FAQ: नैनीताल पर्यटन

  1. नैनीताल कैसे पहुँचें?

    • वायु मार्ग: पंतनगर एयरपोर्ट से 70 किमी की दूरी पर है।
    • रेल मार्ग: काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 34 किमी की दूरी है।
    • सड़क मार्ग: हल्द्वानी बस स्टेशन से 40 किमी की दूरी है।
  2. नैनी झील में नौकायन का क्या अनुभव है?

    • नैनी झील में चप्पू वाली, पैडल वाली नौकाएँ उपलब्ध हैं। साहसी पर्यटक पाल नौकायन का आनंद भी ले सकते हैं।
  3. माल रोड पर क्या खास है?

    • माल रोड, जिसे पं. गोविंद बल्लभ पंत मार्ग कहा जाता है, पर्यटकों के लिए एक प्रमुख स्थल है। यहाँ शाम के समय यातायात बंद रहता है, जिससे पर्यटक आराम से घूम सकते हैं।
  4. फ्लैट्स में क्या देखने लायक है?

    • फ्लैट्स में पं. गोविंद बल्लभ की मूर्ति, बोट हाउस क्लब, मस्जिद, गुरुद्वारा, और नैना देवी मंदिर मौजूद हैं। यहाँ भोटिया मार्केट भी है, जहाँ फैंसी सामान खरीदा जा सकता है।
  5. उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान में कौन से जानवर हैं?

    • यहाँ हिमालयी काले भालू, तेंदुए, और साइबेरियाई टाइगर जैसे दुर्लभ जानवर देखने को मिलते हैं।
  6. रज्जु मार्ग (रोपवे) का अनुभव कैसा है?

    • यह रोपवे स्नो व्यू पॉइंट तक पहुँचाता है, जहाँ से पर्यटक हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों का नजारा ले सकते हैं।
  7. घुड़सवारी कहाँ की जा सकती है?

    • नैनीताल के पास बारापत्थर से घुड़सवारी का आनंद लिया जा सकता है, जहाँ पर्यटक नैनीताल की खूबसूरत पहाड़ियों का नजारा ले सकते हैं।
  8. हनुमान गढ़ी क्यों प्रसिद्ध है?

    • यह जगह अपने सुंदर सूर्यास्त के दृश्य और हनुमान जी, भगवान राम और शिव के मंदिरों के लिए जानी जाती है।
  9. आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) क्या है?

    • एरीज नैनीताल में खगोलीय अनुसंधान के लिए प्रमुख संस्थान है, जहाँ कई टेलीस्कोप मौजूद हैं।
  10. नैनीताल के आसपास कौन से अन्य दर्शनीय स्थल हैं?

    • प्रमुख स्थलों में भीमताल, सातताल, मुक्तेश्वर, और कैंची धाम शामिल हैं। प्रत्येक स्थान की अपनी खासियत और आकर्षण है।


 Download PDF 👇

    चम्पावत जिले से जुड़े पीडीएफ लिंक

    रुद्रप्रयाग जिले से जुड़े पीडीएफ लिंक

    टिप्पणियाँ

    उत्तराखंड के नायक और सांस्कृतिक धरोहर

    उत्तराखंड के स्वतंत्रता सेनानी और उनका योगदान

    उत्तराखंड के उन स्वतंत्रता सेनानियों की सूची और उनके योगदान, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई।

    पहाड़ी कविता और शब्दकोश

    उत्तराखंड की पारंपरिक पहाड़ी कविताएँ और शब्दों का संकलन, जो इस क्षेत्र की भाषा और संस्कृति को दर्शाते हैं।

    गढ़वाल राइफल्स: एक गौरवशाली इतिहास

    गढ़वाल राइफल्स के गौरवशाली इतिहास, योगदान और उत्तराखंड के वीर सैनिकों के बारे में जानकारी।

    कुमाऊं रेजिमेंट: एक गौरवशाली इतिहास

    कुमाऊँ रेजिमेंट भारतीय सेना की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित पैदल सेना रेजिमेंटों में से एक है। इस रेजिमेंट की स्थापना 18वीं शताब्दी में हुई थी

    लोकप्रिय पोस्ट

    केदारनाथ स्टेटस हिंदी में 2 लाइन(kedarnath status in hindi 2 line) something

    जी रया जागी रया लिखित में , | हरेला पर्व की शुभकामनायें (Ji Raya Jagi Raya in writing, | Happy Harela Festival )

    हिमाचल प्रदेश की वादियां शायरी 2 Line( Himachal Pradesh Ki Vadiyan Shayari )

    हिमाचल प्रदेश पर शायरी स्टेटस कोट्स इन हिंदी(Shayari Status Quotes on Himachal Pradesh in Hindi)

    महाकाल महादेव शिव शायरी दो लाइन स्टेटस इन हिंदी (Mahadev Status | Mahakal Status)

    हिमाचल प्रदेश पर शायरी (Shayari on Himachal Pradesh )

    गढ़वाली लोक साहित्य का इतिहास एवं स्वरूप (History and nature of Garhwali folk literature)