150 + कुमाऊँनी कहावते (पहाड़ी कहावतें) 150 + Kumaoni Sayings (Pahari Sayings)

150 + कुमाऊँनी कहावते (पहाड़ी कहावतें)  150 + Kumaoni Sayings (Pahari Sayings)

कुमाऊँनी कहावतें (पहाड़ी कहावतें) Kumaoni proverbs (Pahari proverbs)

जाहिर है उत्तराखंड में भी ऐसी अनेक लोकोक्तियाँ प्रचलित हैं जिनका समय-समय पर उपयोग किया जाता रहा है. उत्तराखंड के कुमाऊँ और गढ़वाल के ग्रामीण अंचलों से निकली अनेक कहावतें और लोकोक्तियाँ अब लुप्त हो चुकी हैं. इन्हें संरक्षित करने के अनेक उपाय होते रहे हैं. इन सिलसिले में अनेक कोष भी तैयार किये गए हैं. काफल ट्री के लिए मशहूर व्यंग्यकार बसंत कुमार भट्ट ने चुनी हुई कुमाऊनी लोकोक्तियों को उनके अर्थ-सन्दर्भों सहित प्रस्तुत करने का कार्य किया है.
कुमाऊनी कहावतें कहां कहां प्रचलित है

कुमाऊनी कहावतें 
  1. नौल गोरु का नौ पुला घासा
  2. बाटै ल्वार बाटै आफरा
  3. खै बेर जाड़ो नै बेर न्या।
  4. नै पुजे अलम्बाड़ा, नै लाग्या गजमोड़ा।
  5. सानन थे पधान हो कयो राते में टेडी टेडी आयो।
  6. आसमानका फला
  7. अभागि मंगलुवा कौतिक ग्यो कौतिकै नि भ्यो।
  8. हात पड़िनाको छाड़ि दियो हात सान करि बोलयो।
  9. एक दुसरा को थोल चाटना
  10. हाजिरकि सोद नै गैर हांजरकि तलास।
  11. दालभात छोड़ि दिनान दगड़ो नै छोड़ना।
  12. सब हैं हल्को पराल वी है हल्को सोराला
  13. कानो घालि हुनो पाजि।
  14. मुसाकि चेलि मुसाका गै।
  15. जो जसो करुंछ दुसरा के लै उसै समजंछ।
  16. जसो बोयो उसो काट्‌यो।
  17. नाक बाल काटि बेर भेजन्।
  18. जैक बिसा नै वै कि ठुलि नालिा
  19. बिना भेद जाण्यां स्यापका डुला हात हात हालन।
  20. डज्या घरको कुच्चै सही।
  21. ठुसराक ख्वार लै खोरो पोसिबेट नैं कि चोपड़ो हुंछ।
  22. कुलो टुक्यो गाड़, चेलि रिसै मैत्।
  23. स्थानी पुख्र्यालि बाकर वटारो।
  24. नचनि खेलनि मुखै थे ऊंछी।
  25. कलूं खोजन लगाप क्वासा खान्वे घर आयो।
  26. भैंसाका सीङ भैसा लै मारि नैं कि हुनाना
  27. घर पिणांलू, बन पिणांलू मांमा का वां गयो द्वी हात लम्भा पिणांलू।
  28. गैन बाच्छी नीने अच्छी, ज्वान चेलो सांसै सेलो।
  29. खान दिन सासु का न खान दिन ब्वारिका।
  30. तित्त बेलाका तित्ता फल जस्सी मतारि उस्सी चेलि।
  31. पातल का चड़ा कि वासनान कि नै वासना।
  32. कुकुर का घरो लै कपास।
  33. चैन बखत का ध्वाड़ा खोजना
  34. काटिया में नून हालन।
  35. आंखान में धूल झोंकन।
  36. सी नरणि। गुरो                                                   
  37. अण भूट्यां खयान
  38. बोली बात बीती रात दुबरा नि आन्द। 
  39. ग्यूं दगड़ी घुण बी पिसेंदन। 
  40. गैणा गणोंलू, माछा मरोलू। 
  41. पाळए सेखि घाम आण तके, पौणे सेखि भात खाण तैके। xxx
  42. हागि नि जाणि फुंजी खूब जाणि। 
  43. पैंसा न पल्ला द्वि ब्यौ क्ला। 
  44. बिज्या आन्ख्यूं का सुप्न्या। 
  45. सिंगू तेल लग्यूं । 
  46. जिकुड़ी मा डांग। 
  47. जबरि तचि नि तबरि तिडग्या।  ↳↳
  48. बल्द बल्द बल कख जणि छै, बल हौळ, बल बोड़ बोड़ कख जाणि छै हौळ हौळ (श्यामकू वक्त) बल्द-बल्द कख बटि आणी छै- बल हौळ-हौळ, बल बोड़-बोड़ कख बटि आणि छै बल हौळss । 
  49. स्वीली पीड़ा बल कि दै पीड़ा। 
  50. स्वीली पीड़ा दै ही जाण। 
  51. नाक फुंजणो सुख व्हेग्या। 
  52. दूरा ढोल सुहावना लग्द्न। 
  53. अढाई पढाई पाठ, सोळा दुनी आठ। 
  54. लेंडी भाभरेकी आण। 
  55. मूसा जी हौळ लग्दू त बल्द क्यांकू रखदा। 
  56. लोवा हि लोव, इखि खोळा। 
  57. बल हे अंधा त्वे क्या चहेंदा, बल द्वी आँखा।       
  58. गंगा जी का जौ। 
  59. बिंडी बिरोवो माँ मुसा नि मोरदा। 
  60. गरीबे सौह सभ्यू कि बौ। 
  61. रौतू कु डांगू मोरी बल अपड़ी खुस्युन। 
  62. लंका टंका। 
  63. जख स्यूण नि घुसे वुख सबलु घूसेणू । 
  64. गौदाने सी बाछी। 
  65. अट्वाड़ो सी बागी। 
  66. जैकी छाई डौर, ऊ निच घौर। 
  67. आन्ख्यूंमा गरुड रिटला। 
  68. डांगू मोरी बल उज्यडा सारा। 
  69. ब्व़े नि जी दगड़ा आण त बिग्वेण क्यांकू तै। 
  70. काटी तै खून न। 
  71. कुटी कटी घाण मा सासू रगरैयन्दि। 
  72. बबै बन्दुक च पर घार च।          
  73. निगुस्यों का गोरू उज्याड़ जन्दन। 
  74. रात गै बात गै। 
  75. लाटे सार लाटु हि जाण। 
  76. घौ मा लोण लगाण। 
  77. पट्टी पढाण। 
  78. पीठ पर हाथ रख्ण। 
  79. डांगमा दुब्लू जमाण। 
  80. आँखा फाड़ी देख्ण। 
  81. मनख्यूं कि बाढ़ बल भलि।                                              
  82. जबरि छा लोंडा लोफ्डा, वुबरि नि गया चोपडा। 
  83. जख नाक बल ऊख सोनू न, जख सोनू ऊख नाक न। 
  84. जवनि मा नि देखि देश बुढेन्दा खाबेस। 
  85. जुवों कि डौरन घघरू हि छोड देण। 
  86. लगि आग पाणिन बुझी, पर पाणी आग क्यां बुझी। 
  87. सागरों पाणी सागर समान्दू। 
  88. जोगी बल अपड़ी कामेळी मा खुस। 
  89. आजा जोगी काळ सिद्ध। 
  90. नौ अँगुळी चन्दन, दस अँगुळी अंगोछा। 
  91. घोषण बिध्या सोदंत पाणी। 
  92. चेली सभ्युं का खुट्टा धोवो, अपडा खुट्टा घोंद लगो। 
  93. एक गुरू का सौ चेला भूखन मोरला अफी छंटेला। 
  94. छ्वटि पूजी कसम खांदी। 
  95. जख जति तख सती। 
  96. खाडू बेची ऊन पाई।  
  97. गुरू कन जाणी, पाणी पेण छाणी। 
  98. जोगी जोगी लड़या त्वमडै त्वमड़ा फुटया। 
  99. जोगी जुग्टा हाथ का न भात का।
  100. जय द्यो जगदीश, वेसे क्या रीस
  101. कौजाळा पाणी मा छाया नि आन्दी ।
  102. अपड़ा लाटा की साणी अफु बिग्येन्दी ।
  103. बड़ी पुज्यायी का बी चार भांडा, छोटी पुज्यायी का बी चार भांडा ।
  104. अपड़ा गोरुं का पैन्डा सींग बी भला लगदां ।
  105. कोड़ी कु शरील प्यारु, औंता कु धन प्यारु ।
  106. जन त्येरु बजणु, तन मेरु नाचणु
  107. गोरी भली ना स्वाळी ।
  108. राजौं का घौर मोतियुं कु अकाळ ।
  109. भैंसा घिच्चा फ्योली कु फूल ।
  110. सब दिन चंगु, त्योहार दिन नंगु ।
  111. त्येरु लुकणु छुटी, म्यरु भुकण छुटी ।
  112. कखी डालु ढली, खक गोजु मारी ।
  113. बुढिड़ पली ही इदगा छै, अब त वेकु नाती जु हुवेगी ।
  114. हैंकौ लाटु हसान्दु च, अर अपडु रुवान्दु च ।
  115. बाखरौ कु ज्यू बी नि जाऊ, बाग बी भुकु नि राऊ ।
  116. लौ भैंस जोड़ी, नितर कपाल देन्दु फ़ोड़ी ।
  117. जख मेल तख खेल, जख फ़ूट तख लूट ।
  118. लगी घुंडा, फ़ूटी आँख ।
  119. जाणदु नि च बिछयू मंत्र, साँपे दुळी डाळदू हाथ ।
  120. तू ठगानी कु ठग, मि जाति कु ठग ।
  121. लूण त्येरि व्वेन नि धोळी,आंखा म्येकू तकणा।
  122. भिंडि खाणु तै जोगी हुवे अर बासा रात भुक्कु ही रै 
  123. अपड़ा जोगी जोग्ता , पल्या गौं कु संत ।
  124. बिराणी पीठ मा खावा, हग्दी दाँ गीत गावा ।
  125. पैली खयाली छारु(खारु), फ़िर भाडा पोछणी ।
  126. ब्वारी खति ना... , सासु मिठौण लग्युं... ।
  127. खाँदी दाँ गेंडका सा, कामों दाँ मेंढका सा ।
  128. (कामों दाँ आंखरो-कांखरो, खाँदी दाँ मोटो बाखरो ।)
  129. खायी ना प्यायी, बीच बाटा मारणु कु आयी ।
  130. बांटी बूंटी खाणि गुड़ मिठै, इखुलि इखुलि खाणि गारे कटै 
  131. भग्यानो भै काळो, अभाग्यू नौनू काऴो।
  132. नोनियाल की लाईं आग , जनाना देखुयुँ बाघ |
  133. जै बौ पर जादा सारू छौ वी भैजी भैजी बुन्नी |
  134. म्यारू नौनु दूँ नि सकुदु , २० पथा ख़ूब सकुदु
  135. जू दूध पेक़ी तै नि हुवे, त अब बुबा घुंडा चुसिक होन्दु ।बान्दर 
  136. मुंड मा टोपली नि सुवान्दी ।
  137. मि त्येरा गौं औलू क्या पौलू, तु म्येरा गौं एली क्या ल्यालु ।भेल़ 
  138. लमड्यो त घौर नी आयो, बाघन खायो त घौर नी आयो।
  139. ढेबरि मरिगे, गू खलैगे।
  140. नि खांदी ब्वारी , सै-सुर खांदी ।
  141. भैर तालु, और भितर बिरालु ।
  142. नाक बाल काटि बेर भेजन्।
  143. जैक बिसा नै वै कि ठुलि नालिा
  144. बिना भेद जाण्यां स्यापका डुला हात हात हालन।
  145. डज्या घरको कुच्चै सही।
  146. ठुसराक ख्वार लै खोरो पोसिबेट नैं कि चोपड़ो हुंछ।
  147. कुलो टुक्यो गाड़, चेलि रिसै मैत्।
  148. स्थानी पुख्र्यालि बाकर वटारो।
  149. नचनि खेलनि मुखै थे ऊंछी।
  150. कलूं खोजन लगाप क्वासा खान्वे घर आयो।
  151. भैंसाका सीङ भैसा लै मारि नैं कि हुनाना
  152. घर पिणांलू, बन पिणांलू मांमा का वां गयो द्वी हात लम्भा पिणांलू।
  153. गैन बाच्छी नीने अच्छी, ज्वान चेलो सांसै सेलो।

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