200 + कुमाऊँनी कहावते (पहाड़ी कहावतें)200+ Kumaoni Sayings (Pahari Proverbs)

200 + कुमाऊँनी कहावते (पहाड़ी कहावतें)200+ Kumaoni Sayings (Pahari Proverbs)  

पहेलियां किसी समयसे वंधी हृई नहीं हैँ फिर भी संध्या अथवा रात्रि में कही-सुनी जाती ह क्योंकि घर के वयस्क व्प्रक्तियो, दादी-नानी आदि को उसी  समय पर्याप्त अवकाश मिलता है। 

“विभिन्न प्रकार के अनुभवों, पौराणिक तथा ऐतिहासिक व्यक्तियों एवं कथाओं, प्राकृतिक नियमों और लोक विश्वासों आदि पर आधारित चुटीली, सारगर्भित, संक्षिप्त, लोकप्रचलित ऐसी उक्तियों को लोकोक्ति कहते हैं. इनका प्रयोग किसी बात की पुष्टि, विरोध, सीख तथा भविष्य-कथन आदि के लिए किया जाता है.”
कहावतें और लोकोक्तियाँ हर एक समाज के आम जनजीवन का बहुत बड़ा हिस्सा होता है. सहज पारंपरिक ज्ञान और समझदारी को आसान और समझ में आने वाली भाषा में व्यक्त करने वाली ये कहावतें और लोकोक्तियाँ हमारी साझा भाषिक व वाचिक परम्परा की धरोहर मानी जाती हैं. अक्सर लोकोक्तियों के साथ बहुत मनोरंजक प्रसंग जुड़े होते हैं. इन प्रसंगों के संदर्भ में इनका अध्ययन करने से किसी समाज के ऐतिहासिक और सामाजिक वातावरण की विषद झलकियाँ देखी जा सकती हैं. इन लोकोक्तियों के भीतर किसी भी समाज के भाषिक विकास के सूत्रों को भी पकड़ा जा सकता है.

पहाड़ी कोट्स  पहाड़ी कहावतें  पहाड़ी डायलॉग kumaoni proverbs

जाहिर है उत्तराखंड में भी ऐसी अनेक लोकोक्तियाँ प्रचलित हैं जिनका समय-समय पर उपयोग किया जाता रहा है. उत्तराखंड के कुमाऊँ और गढ़वाल के ग्रामीण अंचलों से निकली अनेक कहावतें और लोकोक्तियाँ अब लुप्त हो चुकी हैं. इन्हें संरक्षित करने के अनेक उपाय होते रहे हैं. इन सिलसिले में अनेक कोष भी तैयार किये गए हैं. काफल ट्री के लिए मशहूर व्यंग्यकार बसंत कुमार भट्ट ने चुनी हुई कुमाऊनी लोकोक्तियों को उनके अर्थ-सन्दर्भों सहित प्रस्तुत करने का कार्य किया है.

कुमाऊँनी कहावतें (पहाड़ी कहावतें) Kumaoni proverbs (Pahari proverbs)

  1. जाण न पछ्याण मि त्येरु मैमान। 
  2. दुति एक सरग मा थेकळी लगान्दी हैकि उदाड़ी लांदी। 
  3. मुंडा मकै फवाक। 
  4. अग्ने कि जगि मुछळी पैथरि आंदी।  
  5. जन रमाळ च गौड़ी तन दुधाळ बी होंदी।  
  6. लताड़ च पर दुधाळ खूब च। 
  7. माछा नि खांदू पर मछ्वेण खूब खांदू । 
  8. जोगी भागी हँगणि बटि। 
  9. कजेणयूं देख्यूं बाघ अर मर्दों देख्यूं घास पर बिस्वास नि कन। 
  10. सरि ढेबरि मुंडी मांडी पुछ्ड़े दां नार्ट कराट। 
  11. सुबेरो खायूं बाबो ब्यो कयूं हमेसा काम आन्दू। 
  12. आन्ख्यूं मा खोड़ सी चूबणू
  13. जूटू खाण बल मिठा लोभ। 
  14. ब्वरियूँ सगोर देखी भट भुजण बटि। 
  15. बुग्लो बाघ बताण। 
  16. कितुलू मोरी गुरों कि सौर कैकी। 
  17. हँगदारू नि पकड़े जग्दरू पकड़े। 
  18. देर च पर अंधेर नी। 
  19. कित्लू कैर बल गुरों कि सौर तकणे- तकणे कि मौर। 
  20. जन बुतली तन कटली। 
  21. भलि होंदी त बल ..... नि खांदी। 
  22. दोण नि सक्दू सोला पथा खूब सक्दू। 
  23. हड्गू बल गोळा फंस्यु रसी सान होणि। 
  24. हग्दी दां गीत लागाण। 
  25. चिबलठा घोळ मा हाथ लागाण। 
  26. घाट घाटो पाणी पियूं।     
  27. उकाळ चौड़ी सरबट। 
  28. गुरू गुड़ रैगि चेला सकर व्हेगी। 
  29. घुट्दू छौ त गौळ फुकेंदू, थुक्दू छौ त दूध खातेंदू। 
  30. सेंट्लों की पंचेत। 
  31. बुढ़ेंदू बिग्वूचेणू 
  32. कख मैणू धोळी कख माछा मोरिन। 
  33. बाबे हथै रोटि। 
  34. आँगुळी उंद नि मूत। 
  35. जैकू भात नि खाण, विकू गीत क्या गाण। 
  36. निप्न्दों सिमळो द्वार।
  37. सूत से पूत प्यारो।      
  38. सी नरणि। गुरो                                                   
  39. अण भूट्यां खयान
  40. बोली बात बीती रात दुबरा नि आन्द। 
  41. ग्यूं दगड़ी घुण बी पिसेंदन। 
  42. गैणा गणोंलू, माछा मरोलू। 
  43. पाळए सेखि घाम आण तके, पौणे सेखि भात खाण तैके। xxx
  44. हागि नि जाणि फुंजी खूब जाणि। 
  45. पैंसा न पल्ला द्वि ब्यौ क्ला। 
  46. बिज्या आन्ख्यूं का सुप्न्या। 
  47. सिंगू तेल लग्यूं । 
  48. जिकुड़ी मा डांग। 
  49. जबरि तचि नि तबरि तिडग्या।  ↳↳
  50. बल्द बल्द बल कख जणि छै, बल हौळ, बल बोड़ बोड़ कख जाणि छै हौळ हौळ (श्यामकू वक्त) बल्द-बल्द कख बटि आणी छै- बल हौळ-हौळ, बल बोड़-बोड़ कख बटि आणि छै बल हौळss । 
  51. स्वीली पीड़ा बल कि दै पीड़ा। 
  52. स्वीली पीड़ा दै ही जाण। 
  53. नाक फुंजणो सुख व्हेग्या। 
  54. दूरा ढोल सुहावना लग्द्न। 
  55. अढाई पढाई पाठ, सोळा दुनी आठ। 
  56. लेंडी भाभरेकी आण। 
  57. मूसा जी हौळ लग्दू त बल्द क्यांकू रखदा। 
  58. लोवा हि लोव, इखि खोळा। 
  59. बल हे अंधा त्वे क्या चहेंदा, बल द्वी आँखा।       
  60. गंगा जी का जौ। 
  61. बिंडी बिरोवो माँ मुसा नि मोरदा। 
  62. गरीबे सौह सभ्यू कि बौ। 
  63. रौतू कु डांगू मोरी बल अपड़ी खुस्युन। 
  64. लंका टंका। 
  65. जख स्यूण नि घुसे वुख सबलु घूसेणू । 
  66. गौदाने सी बाछी। 
  67. अट्वाड़ो सी बागी। 
  68. जैकी छाई डौर, ऊ निच घौर। 
  69. आन्ख्यूंमा गरुड रिटला। 
  70. डांगू मोरी बल उज्यडा सारा। 
  71. ब्व़े नि जी दगड़ा आण त बिग्वेण क्यांकू तै। 
  72. काटी तै खून न। 
  73. कुटी कटी घाण मा सासू रगरैयन्दि। 
  74. बबै बन्दुक च पर घार च।          
  75. निगुस्यों का गोरू उज्याड़ जन्दन। 
  76. रात गै बात गै। 
  77. लाटे सार लाटु हि जाण। 
  78. घौ मा लोण लगाण। 
  79. पट्टी पढाण। 
  80. पीठ पर हाथ रख्ण। 
  81. डांगमा दुब्लू जमाण। 
  82. आँखा फाड़ी देख्ण। 
  83. मनख्यूं कि बाढ़ बल भलि।                                              
  84. जबरि छा लोंडा लोफ्डा, वुबरि नि गया चोपडा। 
  85. जख नाक बल ऊख सोनू न, जख सोनू ऊख नाक न। 
  86. जवनि मा नि देखि देश बुढेन्दा खाबेस। 
  87. जुवों कि डौरन घघरू हि छोड देण। 
  88. लगि आग पाणिन बुझी, पर पाणी आग क्यां बुझी। 
  89. सागरों पाणी सागर समान्दू। 
  90. जोगी बल अपड़ी कामेळी मा खुस। 
  91. आजा जोगी काळ सिद्ध। 
  92. नौ अँगुळी चन्दन, दस अँगुळी अंगोछा। 
  93. घोषण बिध्या सोदंत पाणी। 
  94. चेली सभ्युं का खुट्टा धोवो, अपडा खुट्टा घोंद लगो। 
  95. एक गुरू का सौ चेला भूखन मोरला अफी छंटेला। 
  96. छ्वटि पूजी कसम खांदी। 
  97. जख जति तख सती। 
  98. खाडू बेची ऊन पाई।  
  99. गुरू कन जाणी, पाणी पेण छाणी। 
  100. जोगी जोगी लड़या त्वमडै त्वमड़ा फुटया। 
  101. जोगी जुग्टा हाथ का न भात का।
  102. जय द्यो जगदीश, वेसे क्या रीस
  103. कौजाळा पाणी मा छाया नि आन्दी ।
  104. अपड़ा लाटा की साणी अफु बिग्येन्दी ।
  105. बड़ी पुज्यायी का बी चार भांडा, छोटी पुज्यायी का बी चार भांडा ।
  106. अपड़ा गोरुं का पैन्डा सींग बी भला लगदां ।
  107. कोड़ी कु शरील प्यारु, औंता कु धन प्यारु ।
  108. जन त्येरु बजणु, तन मेरु नाचणु
  109. गोरी भली ना स्वाळी ।
  110. राजौं का घौर मोतियुं कु अकाळ ।
  111. भैंसा घिच्चा फ्योली कु फूल ।
  112. सब दिन चंगु, त्योहार दिन नंगु ।
  113. त्येरु लुकणु छुटी, म्यरु भुकण छुटी ।
  114. कुक्कूर मा कपास और बांदर मा नरियूल
  115. हाथा की त्यारि, तवा की म्येरी ।
  116. लेजान्दी दाँ हौल, देन्दी दाँ लाखड़ु ।
  117. कखी डालु ढली, खक गोजु मारी ।
  118. बुढिड़ पली ही इदगा छै, अब त वेकु नाती जु हुवेगी ।
  119. हैंकौ लाटु हसान्दु च, अर अपडु रुवान्दु च ।
  120. बाखरौ कु ज्यू बी नि जाऊ, बाग बी भुकु नि राऊ ।
  121. लौ भैंस जोड़ी, नितर कपाल देन्दु फ़ोड़ी ।
  122. जख मेल तख खेल, जख फ़ूट तख लूट ।
  123. लगी घुंडा, फ़ूटी आँख ।
  124. जाणदु नि च बिछयू मंत्र, साँपे दुळी डाळदू हाथ ।
  125. तू ठगानी कु ठग, मि जाति कु ठग ।
  126. लूण त्येरि व्वेन नि धोळी,आंखा म्येकू तकणा।
  127. भिंडि खाणु तै जोगी हुवे अर बासा रात भुक्कु ही रै 
  128. अपड़ा जोगी जोग्ता , पल्या गौं कु संत ।
  129. बिराणी पीठ मा खावा, हग्दी दाँ गीत गावा ।
  130. पैली खयाली छारु(खारु), फ़िर भाडा पोछणी ।
  131. ब्वारी खति ना... , सासु मिठौण लग्युं... ।
  132. खाँदी दाँ गेंडका सा, कामों दाँ मेंढका सा ।
  133. (कामों दाँ आंखरो-कांखरो, खाँदी दाँ मोटो बाखरो ।)
  134. खायी ना प्यायी, बीच बाटा मारणु कु आयी ।
  135. बांटी बूंटी खाणि गुड़ मिठै, इखुलि इखुलि खाणि गारे कटै 
  136. भग्यानो भै काळो, अभाग्यू नौनू काऴो।
  137. नोनियाल की लाईं आग , जनाना देखुयुँ बाघ |
  138. जै बौ पर जादा सारू छौ वी भैजी भैजी बुन्नी |
  139. म्यारू नौनु दूँ नि सकुदु , २० पथा ख़ूब सकुदु
  140. जू दूध पेक़ी तै नि हुवे, त अब बुबा घुंडा चुसिक होन्दु ।बान्दर 
  141. मुंड मा टोपली नि सुवान्दी ।
  142. मि त्येरा गौं औलू क्या पौलू, तु म्येरा गौं एली क्या ल्यालु ।भेल़ 
  143. लमड्यो त घौर नी आयो, बाघन खायो त घौर नी आयो।
  144. ढेबरि मरिगे, गू खलैगे।
  145. नि खांदी ब्वारी , सै-सुर खांदी ।
  146. भैर तालु, और भितर बिरालु ।
  147. ब्वारी बुबा लाई बल अर ब्वारी बुबन खाई ।
  148. जु पदणु गीजि जालो, उ हगणु केकु जाल ।
  149. चळचळी डाळी चबड़ा बोट
  150. कंधा क्वारू और दूरा स्वार कब्या काम न्यांद
  151. आबत नी चैंदु कांगु बल्द नी चैंद ढांगु
  152. दुसरा द्याख चळचळी खळखळी बुबा रांड होग्ये मिखणी या नि मांगी
  153. पैली खयाल, तब कुटरी बाँध मेरा लाटा
  154. बिना पादयां गुवाँण नी औंदी
  155. गिच्चा कु बूबा कु क्या जांदू
  156. सौण मोरि बल सासू अर भादों ऐनी आंसू
  157. हूंदा ग्यूं ।। ता रूंदा क्यूं
  158. लोला ही लोला बल एक्की खोला।
  159. कभी रोयीं होंदी त ढौल भी आंदी
  160. कभी बल सौ धोता अर कभी कड़दु डु भी नी
  161. बिंडि खाण बान बल जोगि बणि अर पैलि रात भुखि रै
  162. तापयूं घाम बल क्या तपण अर दिखयूं मनखी क्या देखण
  163. जैकु मोर बल वु क्या नी कौर
  164. बुढ़्यो बोल्यूं अर आंवलों कु स्वाद,पिछनै दाँ आन्दु याद
  165. उंड फुँडा चुल फुंड अर चुल्लू फुँडा उंड फुंड
  166. जखि देखि पथली भात,उखी बितायी सारी रात
  167. सुन्दरू कौं कु गुन्दरू कुत्ता, भैर बाघ ,भितर मुत्ता।
  168. वैकि छ्वीं बल झंगोरै बीं
  169. भै बल बैंह। मतलब भाई एक बाँह की तरह होता है
  170. घुँडा घुँडा फुके गी अर कुत्राण कख होली आणि।
  171. जैन करी शरम वेका फूट्या करम
  172. ड्यूमा थौळ किलकी नि ऐंच भिटकी नि
  173. घौ बरख्या बटवे देखो
  174. नीती जैकी धीति 
  175. ब्याळी जोगी पुठा मा जट्टा
  176. बिठुवी मौ कू ठंडू पाणी
  177. माटो घोडा सुते लगाम
  178. माणा माथा गौनी अठारा माथ दौनी
  179. बाघे खायी सेई मनखि खायी अणसेई
  180. दिनभरि सेह लटकी ब्यखन दा पाणयूं अटकी
  181. औतो ते धन प्यारु
  182. अग्यो करी साली पाणी करी दौड़ी
  183. अणदेख्यू चोर बाबु बरोबर
  184. अति ऋण हाळ नि अर अति जुवां खाज नि
  185. बवोंत्या बौगि  जांद अर पंडित भूल जांद
  186. अति लाड अति खाड
  187. अद्म्यारी बिद्या अर ज्यू कू जंजाळ
  188. धार अंठ मौरी गगड़ बरखू धौऊ
  189. अंधु मरगी अर आफत छोडगी
  190. अपड़ा बक्त पाणी से पोर
  191. अपड़ा गौन्की खंडैली बी प्यारी
  192. अपड़ा देसों ढून्गू बी चोप्डू
  193. मौ गै पर लो नि गै
  194. भीतर नीच आलण देई मा नाची बालण
  195. समौ देखण अपडा घौर बटि
  196. लगि आग डब्यू बाघ बल कख च भलु
  197. कंडौळ सुख जान्दू पर जसाक नि जांदी
  198. भौरें माया रस चुसण तक हळये सेकी बुतण तक
  199.  पठि देखून (भाग जाना)
  200.  खाप में जानि भरीन (ललचाना)
  201.  खुटा पकड़न (खुसामद करना)
  202.  म्नहार हुन (हिम्मत हारना)
  203.  आंखा बटे गिरन (अपमानित)
  204.  आंखा घेकून (धमकाना)
  205.  खाक छानन (मारा मार फिरना)
  206.  पौ वाराक तेल (लाभ होना)
  207.  पेट में मुसा दौड़ना (अत्यधिक भूख)
  208.  दैन हाथ (सच्चा सहायक)
  209.  टाङ छिरन (हार मानना)
  210.  झक मारन (मजबूर होना)
  211.  उमर डलन (जीवन के थाड़े दिन शेष रहना)
  212.  आंसु पोछन (हिम्मत बधाना)

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