नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अंगरक्षक मेजर देव सिंह दानू का गांव पिनाऊं:नेताजी के अंगरक्षक का गांव अब डिजिटल - Pinaun village of Major Dev Singh Danu, bodyguard of Netaji Subhash Chandra Bose

नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अंगरक्षक मेजर देव सिंह दानू का गांव पिनाऊं: पहली बार बजी मोबाइल की घंटी, लेकिन सड़क की सुविधा का इंतजार जारी

उत्तराखंड के सीमांत जिले चमोली के देवाल विकासखंड का पिनाऊं गांव, जो नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अंगरक्षक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मेजर देव सिंह दानू का पैतृक गांव है, आजादी के इतने साल बाद भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। हालांकि, इस गांव में मोबाइल कनेक्टिविटी की शुरुआत ने डिजिटल युग में इसे पहली बार जोड़ा है।


पिनाऊं गांव और इसकी ऐतिहासिक धरोहर

पिनाऊं गांव न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी बहुत बड़ा है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने उत्तराखंड के सैनिकों पर गहरा भरोसा जताया था और मेजर देव सिंह दानू को अपनी पर्सनल गार्ड बटालियन का कमांडर नियुक्त किया था। आजाद हिंद फौज में उत्तराखंड के वीर सपूतों का योगदान अमूल्य रहा, जिनमें कर्नल चंद्र सिंह नेगी, कर्नल बुद्धि सिंह रावत और कर्नल पितृशरण रतूड़ी जैसे सेनानायक शामिल थे।

मेजर देव सिंह दानू ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने अद्वितीय साहस और नेताजी के प्रति अपनी निष्ठा का प्रदर्शन किया। उनके गांव पिनाऊं को अब "नेताजी के गढ़" के रूप में भी जाना जाता है।


डिजिटल कनेक्टिविटी का सपना हुआ साकार

देश में संचार क्रांति के दशकों बाद, पिनाऊं गांव अब जाकर रिलायंस जियो नेटवर्क के माध्यम से मोबाइल कनेक्टिविटी से जुड़ा। जब गांव में पहली बार मोबाइल की घंटी बजी, तो ग्रामीणों के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण था।

इस सुविधा के लिए गांव के लोगों ने देवाल ब्लॉक प्रमुख डॉ. दर्शन दानू का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इसके लिए निरंतर प्रयास किए। यह कनेक्टिविटी पिनाऊं के निवासियों को बाहरी दुनिया से जोड़ने और उनके जीवन में परिवर्तन लाने की दिशा में पहला कदम है।


ग्रामीणों की संघर्ष गाथा और सड़क का सपना

आज भी, गांव के लोग बलाण गांव से करीब 6 किलोमीटर पैदल चलकर पिनाऊं पहुंचते हैं। मूलभूत सुविधाओं के अभाव के बावजूद, गांव के 20 परिवारों के 80 लोगों ने पलायन का विकल्प नहीं चुना

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपने गांव को नहीं छोड़ा क्योंकि उन्हें हमेशा विश्वास था कि एक दिन यह गांव भी सड़क सुविधा और अन्य बुनियादी सुविधाओं से जुड़ जाएगा।

देवाल ब्लॉक प्रमुख डॉ. दर्शन दानू ने बताया कि पिनाऊं और बलाण गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। उन्होंने इस विषय में लोक निर्माण विभाग के मंत्री सतपाल महाराज से बातचीत की है, और जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।


नेताजी के भरोसेमंद सैनिक और आजाद हिंद फौज का गौरव

नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने उत्तराखंड के वीर सैनिकों पर विशेष भरोसा किया। आजाद हिंद फौज में गढ़वाल रायफल्स के सैनिकों का योगदान अद्वितीय था। उत्तराखंड के इन जांबाजों में से मेजर देव सिंह दानू को नेताजी का पर्सनल गार्ड बनाया गया था। उनकी भूमिका स्वतंत्रता संग्राम में बेहद महत्वपूर्ण रही।

मेजर दानू और उनके जैसे अन्य वीरों ने भारत की आजादी के संघर्ष में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा।


निष्कर्ष: उम्मीदों के साथ विकास का इंतजार

पिनाऊं गांव में डिजिटल कनेक्टिविटी की शुरुआत ग्रामीणों के लिए एक नई रोशनी लेकर आई है। हालांकि, सड़क सुविधा का अभाव गांव के विकास में एक बड़ी बाधा बना हुआ है। लेकिन गांव के लोगों का धैर्य और संघर्ष यह दर्शाता है कि वे अपने प्रयासों से इस चुनौती को भी पार करेंगे।

"डिजिटल इंडिया का सपना यहां तो पहुंच गया, अब सड़क का सपना भी जल्द पूरा होगा।"

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