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कुमाउनी साहित्य की भाषिक सम्पदाएँ
प्रस्तावना
उद्देश्य
मुहावरे
कहावतें
पहेलियां
सारांश
शब्दावली
सन्दर्भ ग्रन्थ
सहायक पाठ्य सामग्री
निबंधात्मक प्रश्न
प्रस्तावना
भाषा अर्जित सम्पत्ति है, न कि पैतृका भाषा की उत्पत्ति समाज से होती है, उसका विकास समाज में होता है, उसका अर्जन समाज से होता है और उसका प्रयोग भी समाज में ही होता है। भाषा एक सामाजिक संपत्ति है। भाषा का प्रयोग मनुष्य परस्पर विचार विनिमय के लिए करता है, और यही भाषा उसके इतिहास और संस्कृति को समृद्ध बनाती है। इस इकाई में हम कुमाउनी भाषा की भाषिक सम्पदा मुहावरे, कहावतें एवं सांस्कृतिक शब्दावली पर विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।
उद्देश्य
- इस इकाई को पढ़ कर आप समझ सकेंगे-
- विद्यार्थी कुमाउनी भाषिक संपदा से परिचित हो सकेंगे
- कहावतों मुहावरों, पहेलियों की भाषा में प्रयोग की महत्ता को समझ सकेंगे
कुमाउनी साहित्य की भाषिक सम्पदाएँ मुहावरे
बोल चाल की भाषा में मुहावरों का भी विषिष्ट स्थान होता है। इनका प्रयोग प्रत्येक भाषाओं में होता है कुमाऊनी भाषा में भी मुहावरों का प्रयोग होता है। मुहावरे किसी भी बातपोष की कहन को चुटीला और रोचक बनाते हैं। लोकभाषाओं में मुहावरे भाषा की वैष्ष्ट्यि की रीढ़ हैं। साथ ही ये मुहावरे लेखिन परम्परा में भी लेखन को कसावट व प्रामाणिक बनाते हैं। मुहावरे किसी भी समाज के सामाजिक सांस्कृतिक और राजनैतिक लोकाचारों को जानने समझने का औजार है। इनके माध्यम से इस बात का पता का अन्दाजा लगाया जा सकता है कि कोई समाज कितना रूढ़ी और अत्याधुनिक या चेतन समाज है सा उसमें स्त्री, जाति पुरुष, धर्म को लेकर किस तरह की अवधारणाएं हैं ये आपको उस समाज व स्थानीय भाषा के मुहावरे दे सकते हैं। यहां प्रस्तुत है कुछ ऐसे ही मुहावरे।
[ कुमाउनी मुहावरे ] [ kumaoni idioms ] [ kumauni muhavare arth sahit] [ पहाड़ी मुहावरे ]कुमाऊनी मुहावरे
- 70 + कुमाऊनी मुहावरे अर्थ सहित (kumauni muhavare arth sahit)
- [ कुमाउनी मुहावरे ] [ kumaoni idioms ] [ kumauni muhavare arth sahit] [ पहाड़ी मुहावरे ]
- कुमाऊनी मुहावरे अर्थ सहित (kumauni muhavare arth sahit)
- 100 + कुमाउनी मुहावरे (पहाड़ी डायलॉग) 100 + Kumaoni Idioms (Pahari Dialogue)
- 50 + कुमाऊनी मुहावरे अर्थ सहित (kumauni muhavare arth sahit)
- 25 + कुमाऊनी मुहावरे अर्थ सहित (kumauni muhavare arth sahit)
- रीस को पुलो (अत्यधिक गुस्से वाला)
- ऐना में मूंख चान (अपनी शकल देखना)
- आवाज उठून (आन्दोलन करना)
- आफत को मार्यो (मुसीबत में पड़ा हुआ)
- अगासै चड़न (झूठी बड़ाई)
- इमान ले कुन (सत्य कहना)
- उल्टी गंड वगून (अनहोनी बात करना)
- कलंक लगून (बदनाम करना)
- कल्जो जलून (दुःख देना)
- कान पकड़न (तौबा करना)
- कालो मूख करन (बेइजती होना)
- किड़ा पड़न (बुरा परिणाम निकलना)
- दिल खटकन (मन खराब होना)
- खालिहात (बिना उपहार होना)
- खून चुसन (दुःख देना)
- ख्याल में राखन (स्मृति में रखना)
- खेल खराब हुन (काम बिगड़ना)
- खाड़ खंजन (क्षति पहुँचाना)
- फसक उडून (अफवाह फैलाना)
- गैली बात (भेद की बात)
- गांठ कोतरन (जेब काटना)
- घर को आदिम (अतिनिकट का)
- घरै की बात (आपस की बात)
- घर में आग लगून (घर में झगड़ा कराना)
- घर बटे खुटो गाड़ना (बाहर जाना)
- चिफलि बात करन (मीठी बात करना)
- चैन की मुरलि बजून (सुख के दिन बिताना)
- मुख को रंग उड़न (उदासी छाना)
कहावते
लोकोक्ति, कहावतें संसार की सभी भाषाओं में प्रचलित है इनके व्यवहार से भाषा का सौन्दर्य भी बढ़ जाता है, केवल लिखने में ही नहीं बोलने में भी इनका प्रयोग भाषा के आकर्षण को बढ़ा देते हैं। कुमाऊनी भाषा में भी इनका प्रयोग बात- बात पर किए जाते है। कहावतों के पीछे बातपोष बहुत कहानियां जोड़ते हैं। हर कहावत के पीछे कोई न कोई कहानी होती है। कई बातपोष तो अपनी बातपोषी को कहावतों मे सजाकर करते है। पहाड़ों में किस्सागाई का अपना महत्व है हमारे समाज में किस्सागो को फसकिया या फसकबाज कहते हैं। गढ़वाल की तरफ छुयांल। समाज को समझने में इन्हे भी महत्वपूर्ण औजार है। किसी भी लोकभाषा की संपन्नता का अन्दाजा लगाना हो तो उस भाषा की कहावतों से अन्दाजा लगा सकते हैं। कहवातें लोकभाषा भाषी क्षेत्र के सामाजिक संरचनाओं को समझने का महत्वपूर्ण औजार है। जिस भाषा में कहवाते हैं उसके लिखित साहित्य में इसका व्यापक असर पड़ता है क्योंकि इससे लिखित साहित्य में भी कहावतें उर्वरक का काम करती है। समाज अध्ययनों में भी कहावतों का महत्वपूर्ण योगदान है।
[ पहाड़ी डायलॉग ] [ पहाड़ी कोट्स ] [ कुमाऊनी कहावतें ] [ पहाड़ी कहावतें ]
- कहावते -कुमाऊँनी कहावते (पहाड़ी कहावतें)Sayings – Kumaoni Sayings (Pahari Proverbs)
- 20 + कुमाऊँनी कहावते (पहाड़ी कहावतें) 20 + Kumaoni proverbs (Pahari proverbs)
- 150 + कुमाऊँनी कहावते (पहाड़ी कहावतें) 150 + Kumaoni Sayings (Pahari Sayings)
- 25+ कुमाऊँनी कहावते (पहाड़ी कहावतें) Kumaoni proverbs (Pahari proverbs) 25
- 15 + कुमाऊँनी कहावते (पहाड़ी कहावतें)15 + Kumaoni proverbs (Pahari proverbs)
- 200 + कुमाऊँनी कहावते (पहाड़ी कहावतें)200+ Kumaoni Sayings (Pahari Proverbs)
1. अदपुरि विद्या जीवे काल।
2. अधीन वामुनकि भैंसान खीर।
3. अक्ल को पुरी।
4. आग लगै पानि हूं दौड़ना
5. अफन मैंत को कुकुर लै लाड़ो।
6 अफनो सुनु खोटो परखनेर बांच।
7. आफी नैग आफी पैगा
8. जैकि गांठि तैकी जांठि।
9. एक कौधा को नौ कव्वा बनून।
10. एक गंगोलो सौ रंगलो।
11. अखट जोगी फटकी छाला, जथके जाला उथकै खाला,
12. एक दिन की पौन, द्वि दिन को पौन, तिसरा दिन निमट्ना
पहेली (ऐंणां)
पुराने समाजों में कथागोई और पहेली कहने की परम्परा थी। इसी से संबन्धित पेहेलियों को सुनने को लेकर आम कहावत यहां कुमाउ के सामाजों में प्रचलन में हैं कि दिन में ऐण सुनने से आंख फूट जाती है। यह नियमन सुनने में बहुत ही हल्का और अतार्कीक लग सकता है। पर इसके इस नियमन के पीछे ऐंणा की उस सवाली षास्त्रीय ताकत का भान होता है जिससे इस तरह का नियमन हुआ हो।
क्योंकि एंणा में पूछे जाने वाले सवाल को खोजना बड़ी टेढ़ी खीर हुआ करती है। इसीलिए इसको रात को ही सुनाने का जिक्र मिलता है तांकि ऐणा डालने वाले इत्मीनान से काम से फुर्सत पाकर सवालों को सोचकर जवाब दें। दिन में ऐंणा सुनने से आंख फूटने वाली कहावत शायद इसी वजह से प्रचलित हुई कि किसी कामगार फिर दिनचर्या के काम छोड़ कर इसी के पीछे लग जाते हो। बहुत हद तक पुराने समाजों में इस तरह ही नियमन होते रहे हैं। जाड़े की लम्बी रातों में कुमाऊ में आग के पास बैठकर पहेली बूझना कहानियाँ, बातें, यात्रा सस्मरण सुनाने का वृद्धों को बड़ी रुचि होती थी। पहेलियों (ऐणां) का उत्तर जटिल भी होते हैं ये पहेलियाँ पषु, पक्षी, वस्तु, वा आदि कई चीजों के बारे में पूछे जाते है। कुछ कुमाऊँनी में पहेलियाँ निम्नवत हैं।
[ऐंणां अहण या आँण ] [ कुमाऊँनी पहेलियाँ ] [ Kumaoni Puzzles ]
- आँण लाग (कुमाऊँनी पहेलियाँ) 25 ऐंणां अहण या आँण ( मजेदार पहेलियाँ) Aan Lag (Kumaoni Puzzles) 25 Aan Ahn or Aan ( Funny Puzzles )
- आँण लाग (कुमाऊँनी पहेलियाँ) 20 ऐंणां अहण या आँण ( मजेदार पहेलियाँ) Aan Lag (Kumaoni Puzzles) 20 Aan Ahn or Aan ( Funny Puzzles )
- कुमाऊनी पहेलियाँ 50 + मजेदार पहेलियाँ ( Kumaoni Puzzles 50 Funny Puzzles )
- कुमाऊनी पहेलियाँ 100+ मजेदार पहेलियाँ ( Kumaoni Puzzles 100+ Funny Puzzles )
- कुमाऊनी पहेलियाँ 15 मजेदार पहेलियाँ ( Kumaoni Puzzles 15 Funny Puzzles )
- कुमाऊनी पहेलियाँ –मजेदार पहेलियाँ(kumauni paheliyaan –majedar paheliyan)
- कुमाऊनी पहेलियाँ ( ऐंणां अहण या आँण ) - Paheli (Ainam) Kumaoni Riddles ( Annaam Ahna Ya Aan )
1. नानी वामुनि का ठुला कान, जै भान मरिग्यो बुड़ामान ज्वान। (केला)
2. तीन भाईन कि एक्कै पगड़ि। (जांती)
3. सफेद गोरु का मुख में हरियो सौलो (मूली)
4 बिना आगा पानि का दम दम्या रोट। (शहद)
5. बन जान बखत घर मूंख, घर ऊंन बखतं बन मूंखा (कुल्हाड़ी)
6. लम्बा बेला का मिठा फला (मछली)
7. धार में जोगि झाकरा फिजालि बैठि संछा (बाब्यो, बाविला)
8. सिराकोट को राजा नडरकोट में मारी ग्यो। (जुआं)
. नानी वामुनि का हात भरी चूड़ा। (झाडू)
10. चार भाईन कि एक्कै पगड़ि। (चारपाई)
11. खाना कि खांछ पचन्वे नै, जै कि डाड़ हालि बचन्वे नै। (बन्दूक)
12. झलमल्या बल्द जोति नै सकीन, स्यौलि को सियको होड़ि नै सकीन, थालि भरि रुप्या गाणि नै सकीन। (शेर, प, तारे)
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