पहाड़ों वाली शायरी | देवभूमि उत्तराखंड की खूबसूरती और प्रेम पर शायरी - Mountainous poetry | Shayari on the beauty and love of the land of Uttarakhand.

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उत्तराखंड की शायरी: पहाड़ों की सादगी और प्रेम की गहराई


पहाड़ों वाली शायरी 2 Line

चहचहाना पंछियों का, सादगी भरे लोगों के चेहरे
देवभूमि यूँ ही नहीं कहते इन्हें, भगवान भी यहाँ आकर हैं ठहरे।

पहाड़ों में छाए हुए घनघोर बादल, परिंदों की मधुर-मधुर सी चहचहाहट
नदियों की लहरें आवाज़ें करती हैं कलकल, खुशियाँ ही खुशियाँ बसती हैं यहाँ हर पल।

देवभूमि उत्तराखंड पर शायरी

बादलों के साये में, पर्वतों के आँचल में
राहतें बसती हैं, पहाड़ों की पनाहों में।

बंजर भूमि में भी, लाती हैं हरियाली
ये पहाड़ की नारी, मेहनत से न डरने वाली।

हर तरफ शांति और सुकून, खूबसूरत पहाड़ों की वादियाँ
हरे-भरे बुग्याल यहाँ, फूलों की हैं घाटियाँ।

पहाड़ों वाली शायरी Love

स्वर्ग छोड़कर शहरों में बस गए,
अब मंजर ये है की ग्रीन व्यू के लिए तरस गए !!

हम जहां के रहने वाले हैं,
वहाँ मौसम रंग बदलता है, वहाँ के लोग नहीं। (जय देवभूमि उत्तराखंड) !!

उत्तराखंड सी हो गई जिंदगी,
खूबसूरत तो बहुत है, पर आपदाएं भी कम नहीं हैं !!


Conclusion:

उत्तराखंड की शायरी में पहाड़ों की सादगी, वहाँ की जीवनशैली और प्रेम की गहराई का विशेष स्थान है। इस ब्लॉग में दी गई शायरी आपको देवभूमि की सुंदरता और वहाँ के लोगों के दिलों की गहराई का एहसास दिलाती है। चाहे वह पहाड़ी प्रेम हो या वहाँ की सादगी, उत्तराखंड की शायरी में सब कुछ समाया हुआ है।

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