धारी देवी मंदिर के बारे में - About Dhari Devi Temple

धारी देवी मंदिर के बारे में

धारी देवी एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भारत के उत्तराखंड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर, श्रीनगर और रुद्रप्रयाग के बीच, कल्यासौर गांव में स्थित है। देवी धारी की मूर्ति का ऊपरी आधा हिस्सा यहाँ है, जबकि उनका निचला आधा हिस्सा कालीमठ में स्थित है, जहाँ उन्हें देवी काली के रूप में पूजा जाता है। धारी देवी को उत्तराखंड की संरक्षक देवी माना जाता है और उन्हें चार धामों की रक्षक के रूप में सम्मानित किया जाता है। यह मंदिर भारत में 108 शक्ति स्थलों में से एक है, जैसा कि श्रीमद देवी भागवत में उल्लेखित है।

मंदिर का इतिहास और महत्व

धारी देवी मंदिर की धार्मिक महत्ता स्थानीय किंवदंतियों से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि देवी धारी की मूर्ति का ऊपरी आधा हिस्सा अलकनंदा नदी के साथ बहकर यहाँ आ गया था। तभी से यहाँ देवी धारी की पूजा की जाती है। यह माना जाता है कि देवी दिन के समय अपना रूप बदलती हैं। किंवदंतियों के अनुसार, देवी एक लड़की, फिर एक महिला और अंत में एक बूढ़ी महिला का रूप लेती हैं। मूर्ति का निचला आधा हिस्सा कालीमठ में स्थित है, जहाँ माता की काली रूप में पूजा की जाती है।

कालीमठ भारत के 108 शक्ति स्थलों में से एक है। धार्मिक परंपरा के अनुसार, यह वही स्थान है जहाँ देवी काली ने राक्षस रक्तविज का वध किया था और इसके बाद देवी धरती के नीचे चली गई थीं।

पहुँचने का मार्ग

धारी देवी मंदिर, श्रीनगर से लगभग 15 किमी, रुद्रप्रयाग से 20 किमी, और दिल्ली से 360 किमी दूर है। यहाँ पहुँचने के लिए श्रद्धालु श्रीनगर या रुद्रप्रयाग से बस या टैक्सी का उपयोग कर सकते हैं।

  • निकटतम रेलवे स्टेशन: ऋषिकेश रेलवे स्टेशन, जो 119 किमी दूर है।
  • निकटतम हवाई अड्डा: जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, जो 136 किमी दूर है।

त्यौहार और उत्सव

धारी देवी मंदिर में साल भर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहाँ मनाए जाने वाले कई त्यौहारों में सबसे महत्वपूर्ण दुर्गा पूजा और नवरात्र हैं, जब मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दौरान मंदिर को खूबसूरत फूलों और रोशनी से सजाया जाता है।

निष्कर्ष

धारी देवी मंदिर एक धार्मिक स्थल है जो न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता भी भक्तों को आकर्षित करती है। यह स्थान उन श्रद्धालुओं के लिए आदर्श है जो भक्ति के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करना चाहते हैं।

FAQs (पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. धारी देवी मंदिर कहाँ स्थित है?
धारी देवी मंदिर उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में, अलकनंदा नदी के तट पर, श्रीनगर और रुद्रप्रयाग के बीच स्थित है।

2. इस मंदिर की विशेषता क्या है?
धारी देवी मंदिर की विशेषता यह है कि देवी धारी की मूर्ति का ऊपरी आधा हिस्सा यहाँ स्थित है, जबकि निचला आधा हिस्सा कालीमठ में है, जहाँ देवी काली के रूप में पूजा होती है।

3. क्या धारी देवी को किसी विशेष नाम से जाना जाता है?
हाँ, धारी देवी को उत्तराखंड की संरक्षक देवी माना जाता है और उन्हें चार धामों की रक्षक के रूप में सम्मानित किया जाता है।

4. धारी देवी मंदिर में कौन से प्रमुख त्यौहार मनाए जाते हैं?
धारी देवी मंदिर में दुर्गा पूजा और नवरात्र सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार हैं, जब विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।

5. इस मंदिर तक पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कौन सा है?
धारी देवी मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है, जो 119 किमी दूर है।

6. धारी देवी मंदिर का इतिहास क्या है?
धारी देवी की मूर्ति का ऊपरी आधा हिस्सा अलकनंदा नदी के साथ बहकर यहाँ आया था। तभी से यहाँ देवी धारी की पूजा की जाती है।

7. मंदिर कैसे पहुँचें?
श्रद्धालु श्रीनगर या रुद्रप्रयाग से बस या टैक्सी के माध्यम से आसानी से मंदिर पहुँच सकते हैं।

8. धारी देवी का पूजा स्थल कितना महत्वपूर्ण है?
धारी देवी मंदिर भारत में 108 शक्ति स्थलों में से एक है और धार्मिक मान्यता के अनुसार यह शक्ति और संरक्षण का प्रतीक है।

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