तेरी खुद अर सौण कु मैनु: एक प्रेम की गहरी अभिव्यक्ति - Your own or someone else's: a deep expression of love.
तेरी खुद अर सौण कु मैनु: एक प्रेम की गहरी अभिव्यक्ति
प्रेम एक ऐसा भाव है जो हर दिल के कोने में बसा होता है। यह कविता गढ़वाली भाषा में उसी प्रेम की अनूठी अभिव्यक्ति है, जहाँ प्रेमी अपनी प्रिय के इंतजार में डूबा हुआ है। उसकी हर सोच, हर भावना, और हर पल में बस एक ही चेहरा है — अपने प्रिय का।
इंतजार और प्रेम का संगम
तेरी खुद अर सौण कु मैनु
एकी जना बरखण लग्यौँ,
उ भैर नी थमणु छ अर
खुद मन भीतर नी थमणी छ
तेरी खुद अर सौण कु मैनु।।
इस पंक्ति में प्रेमी अपनी प्रिय के इंतजार में एक पूरे वर्ष की बात करता है। बाहरी दुनिया में हो रही बारिश थम नहीं रही और उसका मन भी उस प्रिय के बिना ठहरने का नाम नहीं ले रहा। यह प्रतीक्षा और प्यार के धैर्य की कहानी है।
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खुली आंखों और सपनों में प्रिय का वास
खुली आंख्यों माँ भी तू ही हैं दिखेणी
सुपनियों माँ भी तू ही तू हैं दिखेणी
मेरा मन सी पोथती उड़ी उड़ी त्वैमां ही ऑणी छ
तेरी खुद अर सौण कु मैनु।।
जब प्रेमी जागता है, तब भी उसे अपने प्रिय का ही चेहरा दिखाई देता है, और जब वह सोता है, तो सपनों में भी वही छवि उभरती है। उसका मन बार-बार उसी ओर उड़ता है, जहाँ उसकी प्रिय है। यह बताता है कि प्रेम की गहराई इतनी है कि वह हर पल प्रिय की याद में खोया रहता है।
प्रकृति के साथ जुड़ा प्रेम
तू पाखों, पंदेरों, गों- खल्याणों जांदी होली
एकुली कभी तेरू भी मन खुर्देदु होलु
वखीमेरू एक ही सूर त्वैमा लग्युं छ
तेरी खुद अर सौण कु मैनु।।
यहाँ प्रेमी अपनी प्रिय को प्रकृति के विभिन्न रूपों में देखता है — पक्षियों, फूलों, और खेतों में। वह यह सोचता है कि कभी-कभी उसकी प्रिय का मन भी उदास हो जाता होगा, लेकिन फिर भी उसका दिल सिर्फ एक ही स्वर पर टिका हुआ है — अपने प्रिय पर।
स्मृतियों में खोया हुआ प्रेम
तेरू सपको कु छोड़ पकड़ी मैं भी लग्वे लगदू छौ
कना था उ दिन जब तेरी खुंगली माँ
मुंड धरी खल्याण ही मां से जांदू छौ
तेरी खुद अर सौण कु मैनु।।
यहाँ कवि पुरानी यादों में खो जाता है, जब वह अपने प्रिय के साथ समय बिताता था। वह उन दिनों को याद करता है जब वह अपने प्रिय की ऊँगली पकड़कर चलता था। यह प्रेमी की गहरी भावनाओं का प्रतिबिंब है, जहाँ वह अपने प्रिय के साथ बिताए गए हर पल को संजोए हुए है।
निष्कर्ष
यह गढ़वाली कविता प्रेम और इंतजार की अद्भुत भावना को प्रकट करती है। प्रेमी का मन अपने प्रिय के बिना खाली है, लेकिन उसकी यादों और सपनों में वह हर समय उसके साथ रहता है। कविता की हर पंक्ति में प्रेम का गहरा अहसास झलकता है। यह प्रेम का ऐसा रूप है, जो समय, दूरी, और परिस्थितियों से परे है, और जो हर पाठक के दिल में गहरी छाप छोड़ता है।
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