सूर्य देव

भगवान सूर्य देव के बारे में

भगवान सूर्य देव हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। सूर्य देव को जीवनदायिनी, ऊर्जा के स्रोत, और सम्पूर्ण सृष्टि के प्रकाश के रूप में पूजा जाता है। सूर्य देव का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टि से है, बल्कि यह सभी प्राणियों के जीवन के लिए आवश्यक ऊर्जा का स्त्रोत भी हैं। वे न केवल आकाश में रहते हैं, बल्कि हमारे जीवन के हर पहलू में उपस्थित होते हैं, जैसे स्वास्थ्य, समृद्धि, और सफलता।

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सूर्य देव के प्रमुख नाम

भगवान सूर्य के अनेक नाम हैं, जिनका उच्चारण और स्मरण व्यक्ति को मानसिक शांति और शारीरिक समृद्धि की ओर अग्रसर करता है। इनमें से कुछ प्रमुख नाम निम्नलिखित हैं:

  • आदित्य
  • भास्कर
  • भानु
  • चित्रभानु
  • विश्वप्रकाशक
  • तीक्ष्णांशु
  • मार्तण्ड
  • सूर्य
  • प्रभाकर
  • विभावसु
  • सहस्रांशु
  • पूषन्

सूर्य देव का महत्व

सूर्य देव न केवल सृष्टि के उत्पत्ति का कारण हैं, बल्कि वे जीवन को शक्ति प्रदान करने वाले भी हैं। उन्हें जगत के पोषक के रूप में जाना जाता है, जो हर जीवित प्राणी को उर्जा और जीवन शक्ति प्रदान करते हैं। इसके अलावा, वे राजा, धर्म, पितृत्व, और सम्मान के प्रतीक भी माने जाते हैं।

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सूर्य देव की पूजा विधि

भगवान सूर्य की पूजा प्राचीन समय से चली आ रही है और यह विशेष रूप से सूर्यास्त और सूर्यास्त के समय की जाती है। सूर्य देव की पूजा के लिए नित्य रूप से 'सूर्य मंत्र' का जाप किया जाता है:

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सूर्य मंत्र:

"ॐ आदित्याय च सोमाय मंगलाय बुधाय च।
गुरु शुक्र शनिभ्यश्च राहवे केतवे नमः॥"

इस मंत्र का जाप सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

सूर्य अष्टोत्तर शतनामावलि

यह विशेष रूप से सूर्य देव की पूजा में उच्चारित किया जाता है और यह उनके 108 नामों का संकलन है। यह नाम सूर्य देव की महिमा और शक्ति को दर्शाते हैं।

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सूर्य अष्टोत्तर शतनामावलि:

  1. ॐ ह्रीं अरुणाय नमः
  2. ॐ ह्रीं शरण्याय नमः
  3. ॐ ह्रीं करुणारस सिंधवे नमः
  4. ॐ ह्रीं असमानबलाय नमः
  5. ॐ ह्रीं आर्तरक्षकाय नमः
    ...
    (पूर्ण सूची आगे दी जा सकती है)

इन 108 नामों का जाप सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

सूर्य देव की आरती

सूर्य देव की आरती उनकी महिमा का गुणगान करती है। यह आरती व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक समृद्धि प्रदान करती है।

सूर्य देव की आरती:
"जय सूर्य देव जय सूर्य देव,
सर्व मंगला सारा विश्व उज्जवल है।
हर दिशा में तुम्हारी ज्योति व्याप्त है।
तुम हो सुख, समृद्धि के स्वामी।"

सूर्य देव की पूजा से लाभ

  • मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  • शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • आर्थिक समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।
  • जीवन में नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है।

सूर्य देव के विशेष स्तोत्र और नाम

सूर्य देव का चित्र

सूर्य देव का चित्र सुंदर और शक्तिशाली होता है। वे आमतौर पर रथ पर सवार होते हैं, जो सात घोड़ों द्वारा खींचा जाता है। उनका रथ सूर्य की गति को दर्शाता है। उनके हाथ में एक कमल होता है, जो उनके प्रेम और करुणा को दर्शाता है।


सारांश:
भगवान सूर्य देव की पूजा और उपासना का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वे सभी प्रकार की समृद्धि, सफलता, और शांति के दाता हैं। सूर्य मंत्र, अष्टोत्तर शतनामावलि और सूर्य आरती का नियमित पाठ करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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